शादी का रेजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर भरना होगा जुर्माना, उत्तराखंड में लागू UCC में क्या नियम

उत्तराखंड में 27 जनवरी से लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क और अर्थदंड की दरें तय कर दी गई हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की स्वीकृति के बाद मंगलवार को गृह विभाग ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया।सचिव गृह शैलेश बगौली की ओर से जारी शासनादेश में उक्त दरों को क्रमवार दर्शाया गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, शादी व तलाक का पंजीकरण 90 दिन में नहीं कराने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना पड़ेगा।

दंड का भी प्रावधान

यूसीसी के तहत पंजीकरण नहीं कराने या सूचना छिपाने, गलत सूचना देने पर दंड का भी प्रावधान है। किसी मामले में पहली झूठी शिकायत पर चेतावनी जबकि दूसरी बार पांच हजार और तीसरी बार झूठी शिकायत पर 10 हजार रुपये अर्थदंड का प्रावधान है। लिव-इन के मामले में किराया समझौता नहीं करने पर मकान मालिक पर 20 हजार रुपये तक अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।

पंजीकरण शुल्क

शासनादेश के अनुसार, विवाह पंजीकरण के

लिए 250 रुपये, तत्काल में पंजीकरण के लिए

2500 रुपये तय किए गए हैं। इसी तरह से

तलाक या विवाह की अमान्यता के डिक्री के पंजीकरण के लिए

250 रुपये शुल्क तय किया गया है। 90 दिनों से अधिक देरी होने पर विलंब शुल्क अधिकतम 10 हजार रुपये तय किया गया है। इसी तरह उत्तराधिकार के पंजीकरण के लिए 250 रुपये, लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को 500, निर्धारित अवधि के बाद सूचना अपडेट कराने पर एक हजार, लिव-इन की समाप्ति के लिए 500 रुपये शुल्क तय किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com