दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। दिल्ली के 360 गांवों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खुला समर्थन देने की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से इन गांवों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और भाजपा की नीतियों पर विस्तृत चर्चा की।
इस बैठक को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से जोड़कर देखा जा रहा है। दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की पैठ बढ़ाने की कोशिश के रूप में इसे एक बड़ी रणनीतिक चाल माना जा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह की अहम बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार रात दिल्ली के 360 गांवों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस मुलाकात में भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे। बैठक के दौरान अमित शाह ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास, बुनियादी सुविधाओं और भाजपा सरकार की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की।
अमित शाह ने गांवों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि भाजपा दिल्ली के गांवों के लिए नई योजनाएँ लेकर आएगी और उनकी लंबित समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर होगा। उन्होंने कहा—
“दिल्ली के गांवों को अब तक विकास से दूर रखा गया, लेकिन अब भाजपा आपके साथ है। मोदी सरकार की योजनाएँ हर गांव तक पहुंचेंगी और ग्रामीण इलाकों को भी स्मार्ट सिटी के स्तर तक लाया जाएगा।”
360 गांवों का समर्थन क्यों महत्वपूर्ण है?
दिल्ली में लगभग 300 से ज्यादा गांव हैं, जो अब भी शहरीकरण के बावजूद अपनी ग्रामीण पहचान बनाए हुए हैं। इन गांवों में गुर्जर, जाट, यादव और अन्य समुदायों की बड़ी आबादी है, जिनका दिल्ली की राजनीति में अहम प्रभाव पड़ता है।
पिछले चुनावों में आप (आम आदमी पार्टी) और कांग्रेस को इन गांवों में अच्छा समर्थन मिला था। लेकिन अब 360 गांवों द्वारा भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
भाजपा नेताओं का दावा है कि—
“यह दिल्ली की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है। ग्रामीण क्षेत्रों की जनता अब भाजपा की नीतियों पर भरोसा जता रही है।”
भाजपा को कैसे मिलेगा फायदा?
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में ग्रामीण वोट बैंक भाजपा की ओर जा सकता है।
- आप सरकार के खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ी है, जिसका भाजपा को सीधा फायदा हो सकता है।
- भाजपा के लिए यह मौका है कि वह दिल्ली में अपना जनाधार मजबूत कर सके।
- गृह मंत्री अमित शाह की बैठक से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भाजपा गांवों के मुद्दों को गंभीरता से ले रही है।
ग्रामीणों की शिकायतें और भाजपा की रणनीति
दिल्ली के गांवों के प्रतिनिधियों ने आप सरकार की नीतियों पर असंतोष व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना था कि—
- गांवों का शहरीकरण हुआ, लेकिन बुनियादी सुविधाओं में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
- पानी, सड़क, सीवेज और बिजली जैसी समस्याएँ अब भी बनी हुई हैं।
- आप सरकार ने गांवों के विकास के लिए बड़े वादे किए थे, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।
- दिल्ली सरकार की ‘लाल डोरा’ नीति में पारदर्शिता की कमी है।
अमित शाह ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि भाजपा सरकार गांवों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए विशेष योजनाएँ लागू करेगी और ब्यूरोक्रेसी की बाधाओं को दूर करेगी।
आगे क्या होगा?
- भाजपा दिल्ली में बड़े स्तर पर गांवों को जोड़ने के लिए नई रणनीति बनाएगी।
- गांवों के प्रमुख मुद्दों को चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया जा सकता है।
- आप सरकार इस घटनाक्रम का जवाब देने के लिए नई योजनाएँ या नीतियाँ घोषित कर सकती है।
- भाजपा, दिल्ली नगर निगम (MCD) के जरिये गांवों के लिए विशेष विकास कार्य शुरू कर सकती है।
निष्कर्ष
दिल्ली के 360 गांवों द्वारा भाजपा को समर्थन देने की घोषणा आप सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। भाजपा इसे दिल्ली की राजनीति में बदलाव का संकेत मान रही है, जबकि विपक्षी दल इसे महज चुनावी रणनीति करार दे रहे हैं।
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में यह समर्थन कितना प्रभावी साबित होगा, यह देखना बाकी है। लेकिन इतना तय है कि गृह मंत्री अमित शाह की इस बैठक ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है।