नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025 – दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी अंतिम जनमत सर्वेक्षण में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। सर्वे के मुताबिक, AAP को 34-38 सीटें (44% वोट शेयर) और BJP को 32-36 सीटें (43% वोट शेयर) मिलने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस इस बार भी बेहद कमजोर नजर आ रही है और उसे 0-1 सीटें ही मिल सकती हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
अंतिम जनमत सर्वेक्षण के अनुसार:
यह आंकड़े साफ इशारा कर रहे हैं कि दिल्ली में मुकाबला बेहद करीबी हो सकता है और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की गारंटी नहीं है।
क्या AAP सरकार बचा पाएगी?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 2020 में 62 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन इस बार यह बढ़त कम होती दिख रही है। हालांकि, AAP का वोट शेयर अभी भी मजबूत बना हुआ है, जिससे संकेत मिलता है कि दिल्ली के मतदाता उसकी नीतियों—बिजली-पानी सब्सिडी, मोहल्ला क्लीनिक और शिक्षा सुधार—से संतुष्ट हैं।
अगर AAP 36 या उससे अधिक सीटें जीत लेती है, तो वह फिर से सरकार बना सकती है, लेकिन अगर वह 34-35 सीटों पर अटकती है और BJP ऊपरी आंकड़ों तक पहुंचती है, तो दिल्ली की सत्ता की लड़ाई और रोमांचक हो जाएगी।
BJP की जोरदार वापसी?
पिछले चुनाव में केवल 8 सीटों पर सिमटने वाली भाजपा इस बार मजबूत वापसी करती नजर आ रही है। अगर वह 36 सीटों तक पहुंचती है, तो दिल्ली में पहली बार केजरीवाल सरकार को कड़ी चुनौती मिलेगी।
BJP का फोकस इस चुनाव में:
- मोदी सरकार की नीतियों,
- राम मंदिर,
- राष्ट्रवाद,
- यमुना सफाई और विकास योजनाओं पर रहा है।
अगर पार्टी अपना वोट शेयर और सीटें बढ़ाने में सफल होती है, तो यह उसके लिए दिल्ली में ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
कांग्रेस का सफाया तय?
15 साल तक दिल्ली में राज करने वाली कांग्रेस एक बार फिर संघर्ष करती दिख रही है। 2015 और 2020 के चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और इस बार भी यही ट्रेंड जारी रहने की संभावना है।
हालांकि, अगर कांग्रेस को 1 सीट मिलती है और AAP को बहुमत से 1-2 सीट कम आती हैं, तो उसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
दिल्ली में सरकार कौन बनाएगा?
अगर ये आंकड़े सही साबित होते हैं, तो दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन सकती है, जहां AAP को सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों या छोटी पार्टियों का समर्थन लेना पड़ सकता है।
लेकिन चूंकि AAP और BJP दोनों बहुमत के करीब हैं, इसलिए अंत में कुछ सीटों का इधर-उधर होना चुनाव परिणाम को पूरी तरह बदल सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव इस बार बेहद रोमांचक होने वाला है।
- AAP अपने शासन मॉडल पर भरोसा करके सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है।
- BJP अपनी मजबूत वापसी का दावा कर रही है।
- कांग्रेस का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है।
अब सबकी निगाहें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जो तय करेंगे कि दिल्ली की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी!