नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025 – गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सामने एक बड़ा और ऐतिहासिक ऐलान करते हुए कहा कि “31 मार्च 2026 से पहले भारत पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त होगा। नक्सलवाद को भी जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा!”
आतंकवाद के खात्मे का संकल्प
गृह मंत्री के इस बयान ने देशभर में सनसनी फैला दी है। उनके अनुसार, मोदी सरकार का लक्ष्य अगले एक साल के भीतर आतंकवाद और नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करना है। शाह का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवादी और नक्सली गतिविधियों के खिलाफ सरकार बड़े ऑपरेशन चला रही है।
कैसे होगा आतंकवाद का खात्मा?
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार एक तीन-स्तरीय रणनीति पर काम कर रही है:
- सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाई – सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को पूरी ताकत से आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
- आतंकी फंडिंग पर लगाम – टेरर फंडिंग रोकने के लिए ED और NIA की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
- सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा प्रहार – पाकिस्तान और अन्य दुश्मन देशों से घुसपैठ रोकने के लिए LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
नक्सलवाद की कब्र खुदेगी!
अमित शाह ने अपने बयान में नक्सलवाद को “जमीन में दफनाने” की बात कही, जिससे संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में सरकार नक्सली गढ़ों में बड़े ऑपरेशन चला सकती है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र में नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान देखने को मिल सकता है।
देशभर में चर्चा, विपक्ष हमलावर
अमित शाह के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जहां भाजपा समर्थकों ने इसे “नए भारत की घोषणा” बताया, वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी जुमला करार दिया है। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि अगर आतंकवाद खत्म हो सकता था, तो पिछले 10 सालों में क्यों नहीं हुआ?
क्या 2026 से पहले भारत आतंकवाद मुक्त होगा?
अगर अमित शाह के दावे सही साबित होते हैं, तो यह भारत के इतिहास में एक नई क्रांति होगी। लेकिन क्या सरकार अपने इस वादे को पूरा कर पाएगी, यह देखना बाकी है। देश की निगाहें अब आने वाले महीनों में होने वाले बड़े ऑपरेशनों और सरकार की रणनीतियों पर टिकी रहेंगी।