बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद अब सिर्फ आयुर्वेदिक और एफएमसीजी प्रोडक्ट्स तक सीमित नहीं रहेगी। कंपनी ने अब बीमा क्षेत्र में बड़ा दांव खेलते हुए मैग्मा जनरल इंश्योरेंस में अपनी हिस्सेदारी 98% तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह सौदा अदार पूनावाला की सनोटी प्रॉपर्टीज और अन्य एंटिटीज से हुआ है, जिसमें इंश्योरेंस कंपनी की कुल वैल्यू 4500 करोड़ रुपये आंकी गई है।
बिक्री से बदल जाएगा मैग्मा जनरल इंश्योरेंस का मालिकाना हक
अब तक मैग्मा जनरल इंश्योरेंस में अदार पूनावाला की सनोटी प्रॉपर्टीज की हिस्सेदारी थी, लेकिन इस ताजा डील के बाद इस कंपनी का पूरा कंट्रोल पतंजलि आयुर्वेद और धर्मपाल सत्यपाल ग्रुप (DS ग्रुप) के पास चला जाएगा। डीएस ग्रुप, जो रजनीगंधा पान मसाला और पास पास ब्रांड के लिए जाना जाता है, इस सौदे में अहम भूमिका निभा रहा है।
सौदे को regulatory मंजूरी की दरकार
हालांकि, इस ट्रांजैक्शन को फाइनल होने के लिए अभी कई नियामकीय मंजूरियों की जरूरत होगी। इसे बीमा नियामक संस्था इरडा (IRDAI), कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), कंपनी के डिबेंचर्सहोल्डर्स, और अन्य रेगुलेटरी अथॉरिटीज की हरी झंडी लेनी होगी। जब तक ये मंजूरी नहीं मिलती, तब तक पतंजलि इंश्योरेंस के इस नए वेंचर पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं कर पाएगी।
पतंजलि का इंश्योरेंस सेक्टर में प्रवेश – एक नई रणनीति?
पतंजलि आयुर्वेद के इस कदम को एक बड़ी कारोबारी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बाबा रामदेव की कंपनी ने अब तक आयुर्वेद, एफएमसीजी, डेयरी, और रिटेल सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। अब बीमा क्षेत्र में प्रवेश कर यह कंपनी एक डायवर्सिफाइड ग्रुप बनने की ओर अग्रसर हो रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारतीय बीमा सेक्टर में नए समीकरण बना सकती है। पतंजलि की मजबूत उपभोक्ता पकड़ और ब्रांड वैल्यू इसे अन्य बीमा कंपनियों के लिए एक मजबूत प्रतिद्वंदी बना सकती है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि पतंजलि कैसे अपने योग, आयुर्वेद और वेलनेस ब्रांड को इंश्योरेंस बिजनेस से जोड़कर नए बिजनेस मॉडल विकसित करती है।