नई दिल्ली: अंतरिक्ष की अथाह गहराइयों में बिताए गए नौ महीनों के बाद, भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की धरती पर वापसी का समय आ गया है। 19 या 20 मार्च, 2025 को यह जोड़ी एक ऐतिहासिक लैंडिंग करने जा रही है, और इस मिशन को लेकर पूरी दुनिया में जबरदस्त उत्साह है।
8 दिन का मिशन, 9 महीने की फंसी उड़ान!
सुनीता और बुच को 5 जून, 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर यान के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचना था। यह एक 8 दिनों का परीक्षण मिशन था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। स्टारलाइनर में थ्रस्टर की खराबी और हीलियम लीक जैसी गंभीर तकनीकी दिक्कतें सामने आईं, जिससे उनकी धरती वापसी टलती गई। हालात ऐसे बने कि नासा को स्टारलाइनर को बिना यात्रियों के वापस भेजना पड़ा और सुनीता-बुच को ISS पर ही रुकना पड़ा।
अब स्पेसएक्स का “ड्रैगन” ला रहा वापस
लगातार बढ़ती चुनौतियों के बीच अब नासा ने वापसी के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को चुना है। क्रू-10 मिशन के तहत यह कैप्सूल 12 मार्च को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ और अब यह आईएसएस पर पहुंच चुका है। जैसे ही यह क्रू-10 टीम को स्टेशन तक पहुंचाएगा, क्रू-9 का ड्रैगन यान सुनीता और बुच को वापस धरती पर लाने के लिए रवाना होगा।
धरती पर लौटने की बेचैनी, लेकिन रोमांच भी!
अंतरिक्ष से भेजे गए संदेश में सुनीता विलियम्स ने कहा कि वे और बुच इस अप्रत्याशित रूप से लंबे मिशन का भरपूर आनंद ले रहे हैं, लेकिन अब धरती की गंध महसूस करने और अपने परिवार से मिलने के लिए उत्साहित हैं।
उनकी वापसी न सिर्फ उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह अंतरिक्ष अभियानों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी मानी जा रही है। अब बस सबकी निगाहें 19-20 मार्च पर टिकी हैं, जब यह जोड़ी नौ महीने बाद फिर से पृथ्वी की सतह को छूएगी!