नई दिल्ली। क्या 2027 में पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे? क्या 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भारत की चुनावी व्यवस्था हमेशा के लिए बदल जाएगी? सूत्रों से जो खबर निकलकर आ रही है, उसने पूरे राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की योजना पर तेजी से काम हो रहा है और अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो 2027 में लोकसभा और यूपी सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे।
2024 का लोकसभा चुनाव आखिरी बार 5 साल का होगा?
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अगर 2027 में लोकसभा चुनाव होते हैं, तो 2024 में बनने वाली सरकार सिर्फ 3 साल के लिए होगी। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब किसी लोकसभा का कार्यकाल 5 साल से कम किया जाएगा।
लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई या सत्ता का नया खेल?
सरकार का तर्क है कि हर साल होने वाले अलग-अलग चुनावों पर खर्च को कम करने और विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए यह फैसला जरूरी है। लेकिन विपक्ष इसे लोकतंत्र के खिलाफ एक साजिश बता रहा है।
क्या होगा विपक्ष का अगला कदम?
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस फैसले का विरोध कर सकते हैं। संविधान में बदलाव के लिए मोदी सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत चाहिए होगा, जो फिलहाल असंभव नहीं लेकिन चुनौतीपूर्ण जरूर है।
अब आगे क्या?
अगर यह योजना लागू होती है, तो 2027 के बाद भारत में चुनावी राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या देश इसके लिए तैयार है? क्या जनता और विपक्ष इस बदलाव को स्वीकार करेंगे, या यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा बनकर रह जाएगा?