अंडमान की गहराइयों से निकली है वो ताक़त, जो भारत की किस्मत बदल सकती है। ONGC को अंडमान द्वीपसमूह में 2 लाख करोड़ लीटर कच्चे तेल का विशाल भंडार मिलने के संकेत मिले हैं — और अगर यह अनुमान सही साबित हुआ, तो भारत जल्द ही $20 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने की ओर दौड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, यह अब तक का सबसे बड़ा अपतटीय (offshore) तेल भंडार हो सकता है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को दशकों तक पूरा कर सकता है। फिलहाल ONGC ने हाई-टेक सीस्मिक सर्वे और गहराई में ड्रिलिंग की तैयारियां तेज़ कर दी हैं।
क्या है इस खोज की ताक़त?
🔹 विदेशी तेल पर निर्भरता खत्म: भारत हर साल अरबों डॉलर का तेल आयात करता है। यह भंडार उस खर्च को सीधा बचा सकता है।
🔹 अरबों डॉलर की बचत: घरेलू तेल उत्पादन GDP में सीधे उछाल ला सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत कर सकता है।
🔹 रोज़गार और निवेश: तेल शोधन, परिवहन और विपणन से लाखों नए रोजगार पैदा होंगे।
🔹 भारत बनेगा तेल निर्यातक: अगर अनुमानित मात्रा निकाली जा सकी, तो भारत तेल निर्यातक देशों की सूची में शामिल हो सकता है।
मोदी सरकार की बड़ी ऊर्जा जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों के ज़रिए घरेलू संसाधनों पर भरोसा बढ़ाया गया। यह खोज उसी विजन की सीधी जीत मानी जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के शब्दों में,
“ये सिर्फ़ तेल नहीं, भारत की आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग है।“
आगे की राह
ONGC आने वाले महीनों में इस क्षेत्र में डीप-सी ड्रिलिंग शुरू करेगा। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और आधुनिक तकनीक के साथ यह काम तेज़ी से किया जाएगा। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो 2-3 वर्षों में उत्पादन शुरू हो सकता है।
अब सवाल सिर्फ़ ये नहीं कि तेल मिला है या नहीं — सवाल ये है कि क्या भारत अब इतिहास रचेगा?
अगर अंडमान का ये ख़ज़ाना खुल गया, तो भारत की अर्थव्यवस्था सचमुच दौड़ सकती है — सीधे $20 ट्रिलियन की तरफ़!