अगर आप सोच रहे हैं कि 1 सितंबर 2025 का दिन सिर्फ कैलेंडर पर एक नई तारीख लेकर आया है, तो थोड़ा रुकिए! आज से भारत में कई बड़े बदलाव लागू हो गए हैं, जो सीधे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और आपकी जेब पर असर डालने वाले हैं। इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप समय पर सही कदम उठा सकें।
इन 5 बड़े बदलावों से आपकी लाइफ पर होगा सीधा असर
1. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की आखिरी तारीख नजदीक
क्या आपने अपना ITR फाइल कर दिया है? अगर नहीं, तो आपके पास ज्यादा समय नहीं है। जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके लिए वित्त वर्ष 2024-25 का ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है। इस तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। तो, अपनी छुट्टियों को छोड़कर इस जरूरी काम को निपटा लीजिए।
2. आधार कार्ड को मुफ्त में अपडेट करने का आखिरी मौका गया
UIDAI ने आधार कार्ड को मुफ्त में अपडेट करने की सुविधा 14 सितंबर 2025 तक दी थी। अगर आप इस मौके को चूक गए हैं, तो अब आपको अपने आधार को अपडेट कराने के लिए शुल्क चुकाना होगा। यह बदलाव उन लोगों के लिए खास है जिन्हें अपनी डेमोग्राफिक जानकारी (नाम, पता, जन्मतिथि) अपडेट करनी थी।
3. रसोई गैस (LPG) सिलेंडर की नई कीमतें
हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होता है। 1 सितंबर से भी घरेलू और कॉमर्शियल सिलेंडर की नई कीमतें लागू हो गई हैं। यह आपके घर के मासिक बजट को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। इसलिए, खरीदने से पहले अपने शहर में नई कीमतें जरूर चेक कर लें।
4. भारतीय डाक सेवा: रजिस्टर्ड पोस्ट नहीं अब स्पीड पोस्ट ही होगा
भारतीय डाक सेवा में एक बड़ा बदलाव हुआ है। अब घरेलू स्तर पर रजिस्टर्ड डाक भेजने की सुविधा को खत्म कर दिया गया है। 1 सितंबर से सभी पंजीकृत डाक केवल स्पीड पोस्ट के माध्यम से ही भेजी जाएंगी। यह बदलाव डाक सेवाओं को तेज और अधिक कुशल बनाने के लिए किया गया है।
5. क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स के बदले नियम
अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। SBI जैसे कुछ प्रमुख बैंकों ने अपने क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स के नियमों में बदलाव किया है। अब कुछ खास लेनदेन, जैसे सरकारी भुगतान या ऑनलाइन गेमिंग पर, आपको रिवॉर्ड पॉइंट्स नहीं मिलेंगे। अपने बैंक की वेबसाइट पर नए नियमों को जरूर चेक करें ताकि आपके रिवॉर्ड पॉइंट्स का नुकसान न हो।
ये बदलाव दिखाते हैं कि सरकार और नियामक संस्थाएं हमारी वित्तीय और रोजमर्रा की जिंदगी को और भी व्यवस्थित बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही हैं। इन बदलावों को समझना और उनके अनुसार खुद को ढालना ही समझदारी है।