नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2025 —
उत्तराखंड के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से महत्वपूर्ण भेंट की। इस बैठक में राज्य में सात जल विद्युत परियोजनाओं के विकास और निर्माण के लिए केंद्रीय समर्थन की मांग रखी गई। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 647 मेगावाट है, जो राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार गंगा और उसकी सहायक नदियों की निर्मलता, अविरलता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण पर्यावरणीय संतुलन और पारिस्थितिकीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के निर्णय की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को खेलों के माध्यम से रोजगारपरक अवसर उपलब्ध कराने और खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए यह विश्वविद्यालय एक बड़ी पहल होगी। इसके लिए गौलापार क्षेत्र की लगभग 12.317 हैक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि संबंधित अधिकारी इस भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करें।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री के प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से लेते हुए राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए उत्तराखंड को पूरा सहयोग देगी।
इस अवसर पर सचिव (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन) भारत सरकार श्री तन्मय कुमार, उत्तराखंड के प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी की यह बैठक राज्य की ऊर्जा नीति, पर्यावरण संरक्षण और खेल विकास—तीनों क्षेत्रों में दूरगामी प्रभाव डालने वाली साबित हो सकती है।