उत्तराखंड

घर का ‘वफादार’ ही पहुंचा रहा अपनों को अस्पताल, सावधान रहें! रोजाना आ रहे मामलों की संख्‍या कुछ ज्‍यादा है

भीषण गर्मी के बीच कुत्ते हमलावर हो रहे हैं। इस कारण दून में कुत्तों के काटने के मामले बढ़ गए हैं। सरकारी अस्पतालों में रोजाना कुत्ते के काटने से जख्मी हुए 80 से 100 लोग पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मामलों में घर का वफादार माने जाने वाला पालतू कुत्ता ही अपनों को अस्पताल पहुंचा रहा है।

दून अस्पताल और कोरोनेशन में रैबीज के इंजेक्शन लगाने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। शहर में हजारों की संख्या में कुत्ते हैं, जिनमें से कुछ अक्सर आते-जाते राहगीरों पर हमला कर देते हैं। लेकिन, घरों में पाले जा रहे कुत्तों के काटने के मामले तुलना में अधिक सामने आ रहे हैं।

खेलते वक्त बच्चों व महिलाओं पर पालतू कुत्ते हमला कर रहे हैं। हालांकि, यह भीषण गर्मी के कारण अधिक होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा कई खतरनाक प्रजाति के कुत्ते पालना भी स्वामी को अस्पताल पहुंचा देता है। कई कुत्ते आक्रामक और उत्तेजित होने के कारण कभी भी हमला कर सकते हैं। अस्पतालों में आ रहे औसतन 100 मामलों में से करीब 70 मामले पालतू कुत्तों के काटने के हैं।दून नगर निगम की ओर से वर्ष 2016 में एबीसी (एनीमन बर्थ कंट्रोल) सेंटर की शुरुआत की गई थी।

इसके बाद से यहां लगातार लावारिस कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए उनका बंध्याकरण किया जा रहा है। जगह-जगह से कुत्तों को पकड़कर उनका बंध्याकरण किया जाता है और फिर उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है। अब तक दून में 45400 कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है।बीते तीन वर्ष में दून में करीब छह हजार पालतू कुत्तों का पंजीकरण किया जा चुका है। जिनमें विभिन्न प्रजाति के कुत्ते शामिल हैं। दून में कुछ ऐसे भी कुत्ते पूर्व से पाले जाते रहे हैं, जो कि खतरनाक की श्रेणी में आते हैं। बीते मार्च में केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार 23 प्रजाति के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश मिले हैं। इनमें रोटविलर, पिटबुल, अमेरिकन बुली जैसी प्रजातियां हैं।

कई बार पालतू कुत्ते घर के बाहर या आसपास बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं पर हमला कर देते हैं। गंभीर काटने के मामलों में व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। किसी का पालतू कुत्ता किसी इंसान को काट लेता है तो आइपीसी की धारा 337 के तहत आता है, जिसमें मालिक को छह महीने तक की सजा हो सकती है। पालतू कुत्ते के काटने पर किसी की मौत होने पर धारा 304 के तहत 10 साल तक की सजा हो सकती है।

दून में पालतू कुत्तों की स्थिति

  • प्रजाति, संख्या
  • चाऊ-चाऊ, 13
  • जर्मन शेफर्ड, 658
  • लैबराडौर, 740
  • गोल्डन रिट्रीवर, 254
  • भोटिया, 346
  • बीगल, 153
  • बाक्सर, 23
  • राटवेलर, 133
  • पग, 140
  • डच्शंड, 67
  • हस्की, 79
  • काकर स्पैनियल, 42
  • तिब्बतन मैस्टिफ, 20
  • डोबरमैन, 24
  • पामेरेनियन, 346
  • पिटबुल, 90
  • अमेरिकन बुली, 2

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