औद्योगिक विकास के आंकड़ों पर केंद्रित रहा सम्मेलन
हरिद्वार में उद्योग जगत और सांख्यिकी विशेषज्ञों का एक महत्वपूर्ण संगम देखने को मिला। भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), क्षेत्रीय सांख्यिकी कार्यालय देहरादून द्वारा होटल हिलटॉप, राजपुर रोड, हरिद्वार में “वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (Annual Survey of Industries) 2024–25” एवं “केपेक्स सर्वे 2025 (CapEx Survey 2025)” पर एक दिवसीय गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) का आयोजन किया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता में हुआ सार्थक विमर्श
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, देहरादून के उप महानिदेशक भरत लाल महापात्र ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (ASI) देश के औद्योगिक क्षेत्र की रीढ़ है, क्योंकि इसके माध्यम से उत्पादन, निवेश, रोजगार और आर्थिक योगदान से जुड़ी सटीक जानकारी प्राप्त होती है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024–25 के लिए औद्योगिक इकाइयों को अपने Annual Industrial Returns पोर्टल के माध्यम से स्वयं संकलित करने होंगे, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
निवेश की दिशा दिखाएगा ‘केपेक्स सर्वे 2025’
महापात्र ने कहा कि केपेक्स सर्वे 2025 के माध्यम से भवनों, स्थायी निर्माण संरचनाओं और उपकरणों पर किए गए निवेश का डेटा एकत्र किया जाएगा। इससे न केवल औद्योगिक निवेश की प्रवृत्तियों का विश्लेषण होगा, बल्कि नीतिगत निर्णय लेने में भी यह एक सशक्त उपकरण सिद्ध होगा।
विशेषज्ञों ने दी सर्वेक्षण प्रक्रियाओं की जानकारी
सम्मेलन में क्षेत्रीय सांख्यिकी कार्यालय, देहरादून के निदेशक शुभम शर्मा, सहायक निदेशक दीपक रावत, तथा उप निदेशक गीतेश कुमार मिश्रा ने औद्योगिक सर्वेक्षणों के आंकड़ों के महत्व पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
उन्होंने बताया कि इन सर्वेक्षणों से प्राप्त जानकारी से केंद्र और राज्य सरकारों को आर्थिक नीतियों, निवेश योजनाओं तथा औद्योगिक विकास रणनीतियों के निर्माण में ठोस आधार मिलता है।
तकनीकी सत्र में प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
तकनीकी सत्र के दौरान वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी राजीव शर्मा, मनु कुमार, शुभम शर्मा और राहुल वर्मा ने प्रतिभागियों को डेटा संकलन, ऑनलाइन रिपोर्टिंग, और सर्वेक्षण प्रक्रियाओं की बारीकियों से अवगत कराया।
औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की और अपने अनुभव साझा करते हुए सर्वेक्षण की पारदर्शिता, सटीकता और समयबद्धता को बनाए रखने का आश्वासन दिया।
पारदर्शी डेटा संग्रह के लिए आह्वान
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने कहा कि औद्योगिक सर्वेक्षण तभी सफल हो सकता है जब सभी इकाइयाँ सही और समय पर जानकारी उपलब्ध कराएँ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से राष्ट्र के आर्थिक विकास में सहयोग देने का आह्वान किया।

