लोकसभा के बाद निकाय में कैसे बढ़ेगा मतदान प्रतिशत, यह हो रही परेशानी
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव नजदीक हैं, लेकिन इस बार मतदान केंद्र मतदाताओं के घर से काफी दूर बना दिए गए हैं। निवर्तमान पार्षदों के अनुसार, मत प्रतिशत पर इसका असर पड़ सकता है। उन्होंने मंगलवार को इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सवाल भी पूछे।उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनाव जून में हो सकते हैं। गर्मी में लोगों को घर के नजदीक मतदान की सुविधा मिले, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन चंद रमोला के मुताबिक, केदारपुर वार्ड में शांति विहार, सृष्टि विहार, पुष्पकुंज समेत ऐसे कई मोहल्ले हैं, जिनका मतदान स्थल बंगालीकोठी के पास प्राइमरी स्कूल अजबपुर खुर्द हुआ करता था।
लेकिन, इसे बदलकर शिवकुंज के पास रितिका चिल्ड्रन अकादमी कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने चुनाव अधिकारी कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई है। इसके अलावा कांवली वार्ड में मतदान स्थल पहले ‘नन्ही दुनिया बारातघर’ होता था, उसे इस बार ऐनमैरी स्कूल किया गया है।निवर्तमान पार्षद अर्चना पुंडीर ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान नन्ही दुनिया बारातघर पोलिंग बूथ था। यहां मरम्मत भी करवाई जा चुकी है। लेकिन, अब इस बूथ को बदल दिया गया है।
सिद्धार्थ अग्रवाल, भाजपा महानगर अध्यक्ष
नगर निगम के विभिन्न वार्डों के पोलिंग बूथों को बदले जाने की बात सामने आ रही है। मतदाता सूची में भी कई खामियां हैं। अपसरों को लिखित रूप से अवगत करवाया जाएगा।
डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव के समय भटके थे मतदाता
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान पोलिंग बूथों में बदलाव किए जाने पर जनप्रतिनिधियों ने कड़ी नाराजगी जताई थी। तब कई मतदाताओं को अपने बूथ का पता लगाने के लिए इधर-उधर चक्कर काटने पड़े थे। कहीं न कहीं इसका असर मत प्रतिशत भी देखने को मिला था।
घर के पास ही मिले मतदान की सुविधा
निवर्तमान पार्षद चुन्नीलाल ने भी बताया कि धोरणखास वार्ड में बूथ इधर से उधर कर दिए गए हैं। एडवोकेट शिवा वर्मा ने कहा कि मतदाताओं को घर के पास ही मतदान की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि बुजुर्गों और दिव्यांगों को कोई परेशानी ना हो। निवर्तमान पार्षद भूपेंद्र कठैत, अंकित अग्रवाल, कोमल वोहरा और अमिता सिंह ने बताया कि वे जल्द ही चुनाव अधिकारी के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।