उत्तराखंड

भीषण गर्मी में बिजली ट्रांसफॉर्मरों पर लगाए कूलर; गीली बारियों से भी ढका

उत्तराखंड के मैदानी शहर गर्मी से तप रहे हैं। ऋषिकेश, रुड़की, हरिद्वार, रुद्रपुर आदि मैदानी शहरों में तापमान 43 के पार पहुंच गया है। तपती गर्मी से न सिर्फ इंसान बल्कि मशीनें भी प्रभावित हो रहीं हैं।भीषण गर्मी में ट्रांसफार्मरों पर लोढ न पड़े इसलिए ऊर्जा निगम अफसरों ने ट्रांसफार्मरों पर कूलर लगाए हैं।साथ ही ट्रांसफार्मर के पास गीली बोरियां भी लगाई गई हैं, जिस पर लगातार पानी की बौछार से ट्रांसफार्मर के पैनलों को ठंडा रखने की कोशिशें की जा रही है। भीषण गरमी में बिजली सप्लाई सुचारु रखने के लिए ऊर्जा निगम भी जद्दोजहद कर रहा है।

निगम के ऋषिकेश क्षेत्र अंतर्गत आठ स्टेशनों में कहीं भी सप्लाई ट्रांसफार्मर गर्मी में न फूकें, इसके लिए उन्हें ठंडा रखने को कूलर लगाए गए हैं। हर सब स्टेशन में स्थापित पांच एमवीए से अधिक के दो-दो सप्लाई ट्रांसफार्मर पर कुल 32 कूलर निगम ने लगाए हैं।नगर निगम कैंपस में स्थापित ऊर्जा निगम के करीब सप्लाई ट्रांसफार्मर पर भी कूलर चलते दिखे। यहां सिर्फ कूलर ही नहीं, निगम कर्मचारियों ने ट्रांसफार्मर पैनल के नजदीक गीली बोरियां भी लगाई, जिससे ट्रांसफार्मर को पैनल को ठंड रखने के लिए बोरियों पर पानी की बौछार होती नजर आई।

अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद ने बताया कि गर्मी में लगातार बढ़ रही है, जिससे ट्रांसफार्मरों पर कोई असर न हो, इसके लिए यह कवायद की गई है। बारिश होने के बाद कूलरों को हटा लिया जाएगा। फिलहाल 32 कूलर निगम ने सभी सब स्टेशनों के ट्रांसफार्मरों पर लगाए हैं।

ऋषिकेश में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा बुधवार
भीषण गर्मी में ऋषिकेश में बुधवार को हर शख्स हलकान दिखा। सात साल में पहली दफा मई माह में गर्मी का भी रिकॉर्ड टूट गया। दिन में तापमान 42 डिग्री पहुंचा, जिससे लोगों को सड़क पर चलना तक मुश्किल हो गया। राहत पाने के लिए पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग गंगा और झरनों की शरण में दिखे।

दोपहर में अत्याधिक तापमान से व्यस्ततम रहने वाली सड़क से लेकर बाजार में लोगों की भीड़भाड़ कम दिखी। अमूमन जून में होने वाली अत्यधिक गर्मी मई के अंत में शुरू हो गई है। आसमान से आग बरसने के चलते स्थानीय लोग घरों से बाहर निकलने में कतराते दिखे। पर्यटक भी गंगा, बीन नदी और झरनों में गमी से राहत पाने के लिए जुटे नजर आए।

अभी तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक तापमान से ऋषिकेश के बाजार में भी चहल-पहल न के बराबर दिखी। गर्मी से राहत पाने के लिए हर कोई छांव के लिए इधर-उधर भटकता दिखा। सात वर्षों बाद इसी तरह की गर्मी से स्थानीय लोग भी सकते में नजर आए।बताया कि अमूमन इस तरह की गर्मी जून में होती है, लेकिन मई में ही यह हालात होने से जून को लेकर नगरवासी परेशान भी दिखे। मौमस विभाग के अनुसार गर्मी से जल्द राहत मिलने वाली है।

यह बरतें सावधानी
अनावश्यक धूप में घूमने से बचें
नियमित अंतराल में खूब पानी पीएं।
घर से सुबह और शाम के वक्त ही निकलें
धूप में बाहर निकलते हुए छतरी का सहारा लें
शरीर को ठंडक देने वाले पेय पदार्थों का सेवन करें।
स्वास्थ्य में गड़बड़ी पर चिकित्सक से परामर्श लें।

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