टैक्स में छूट से लेकर पुरानी पेंशन बहाली तक…केंद्रीय वित्त सीतारमण के सातवें बजट 2024 से उत्तराखंड को 7 बड़ी उम्मीदें

केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में लगातार सातवां बजट पेश करने जा रही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उत्तराखंड को सात बड़ी उम्मीदें हैं। सीतारमण मंगलवार दोपहर को बजट पेश करेंगी। उत्तराखंड अपने विकास और समस्याओं से जुड़े मामलों को बजट में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पूर्व में ही प्रस्ताव भेजा चुका है।

केंद्र को भेजे प्रस्तावों में ग्रीन बोनस, केंद्रीय सहायता में वृद्धि के अलावा एक और बड़ा मुद्दा, राज्य में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के रूप में हर साल आने वाली सात करोड़ से ज्यादा फ्लोटिंग आबादी का है। उत्तराखंड ने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि राज्य को संसाधन विकास की मद में मिलने वाला बजट,उत्तराखंड की सामान्य सवा करोड़ की आबादी के बजाए, फ्लोटिंग आबादी को जोड़कर तय किया जाए। मालूम हो बाईस जून को केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ आम बजट को लेकर बैठक की थी। इसी बैठक में उन्होंने सभी राज्यों से उनके सुझाव लिए थे।

मातृशक्ति: महंगाई कम होने का इंतजार
-घरेलू गैस की कीमत बहुत ज्यादा हो चुकी है। इसे कम किया जाना चाहिए
-खाद्यान्नों का मूल्य लगातार बढ़ रहा है। कीमतों पर नियंत्रण की व्यवस्था हो
-निजी स्कूलों में सस्ती पढ़ाई और खर्चों पर नियंत्रण के लिए विशेष नीति बनाएं
-सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुविधाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी होनी चाहिए
-सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं के रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर

किसान: फसलों का एमएसपी बाजार भाव से तय करें
-गेहूं, धान, गन्ना समेत सभी फसलों का बाजार मूल्य से एमएसपी लागू हो देश में
-किसान सम्मान निधि को छह हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपये करें
-डीजल कार्ड बनें और इसके आधार पर रियायती मूल्य पर किसान को डीजल मिले
-आपदा से नुकसान के 33 प्रतिशत के मानक को घटाएं, नुकसान पर मुआवजा मिले
-कृषि भूमि की निर्माण कार्यों के लिए खरीद-फरोख्त पर सख्ती से रोक लगाई जाए

उत्तराखंड की उम्मीदें
1. ऋषिकेश-उत्तरकाशी और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को मंजूरी मिलेगी और इन पर तेजी से काम शुरू किया जाएगा
2. हिमालयी राज्यों में भूस्खलन जोन के उपचार के अध्ययन के लिए उत्तराखंड में राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना
3. जमरानी बांध के समान ही देहरादून की सौंग बांध परियोजना के लिए आर्थिक पैकेज, भूगर्भ जल सुधार को उपयोगी है योजना
4. पीएमजीएसवाई की सड़कों के समान, जल जीवन मिशन योजनाओं के रखरखाव के लिए भी मिले अतिरिक्त केंद्रीय सहायता
5. एसडीआरएफ के मानक में बदलाव, आपदा राहत के दायरे में हाईवोल्टेज पावर लाइन और वनाग्नि को शामिल किया जाए
6. समाज कल्याण विभाग की वृद्धावस्था पेंशन में केन्द्रांश 200 के बजाए 500 रुपये हो, पांच लाख से ज्यादा लाभार्थी हैं राज्य में
7. मनरेगा में उत्तराखंड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों के लिए श्रम और सामग्री का अनुपात 60:40 के बजाय 50:50 किया जाए

कर्मचारी: आयकर में छूट और पुरानी पेंशन मिले
-आयकर की सीमा को बढ़ाया जाए, 80सी की सीमा भी 1.5 लाख से अधिक हो
-2005 से बंद की गई पुरानी लाभकारी पेंशन को नए सिरे से बहाल किया जाए
-आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज की आर्थिक सीमा को बढ़ाया जाए
-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों पर आउटसोर्स की जगह की जाए नियमित भर्ती
-सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को 8वें वेतन आयोग में किया जाए दूर

उद्यमी: क्रेडिट गैप खत्म हो, कनेक्टिविटी बढ़े
-नए उद्योगों की स्थापना को एमएसएमई बैंक बनाया जाए और क्रेडिट गैप खत्म हो
-उद्योगों की स्थापना को बनें नए कॉरिडोर, अवस्थापना विकास को बढ़ावा दिया जाए
-राज्य में रेलवे के साथ ही हवाई कनेक्टविटी को और विस्तार दिया जाए
-उद्योगों में स्थानीय उपज पर वेल्यू एड को सरकारी प्रोत्साहन दिया जाए
-जीएसटी का रेट सर्विस सेक्टर 18 से 15 प्रतिशत हो, जीएसटी स्लैब भी कम हों

केंद्र सरकार के सामने अपने सभी प्रमुख बिंदुओं को रखा है। राज्य की भौगोलिक स्थिति की वजह से पेश आने वाली चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त आर्थिक सहायता का विषय भी केंद्रीय वित्त मंत्री के संज्ञान में लाया जा चुका है। निसंदेह केंद्रीय आम बजट में उत्तराखंड के हित में कई अहम प्रावधान होने की उम्मीद है।

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