जयपुर, 28 अक्टूबर | Headlinesip जयपुर डेस्क
राजस्थान के अधिवक्ता जगत में हलचल तेज हो गई है। जयपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और चर्चित अधिवक्ता पवन शर्मा ने अब राजस्थान बार काउंसिल चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
अपने तेजतर्रार नेतृत्व और पारदर्शी कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले पवन शर्मा ने कहा—
“जैसे जयपुर बार में हमने पारदर्शिता और डिजिटल सिस्टम लागू किया, वैसे ही अब पूरे प्रदेश की बार एसोसिएशनों को आधुनिक और सुचारु बनाना मेरा लक्ष्य है।”

उनकी इस घोषणा ने अधिवक्ताओं के बीच नई चर्चा छेड़ दी है—क्या पवन शर्मा एक बार फिर ‘सबसे बड़ी जीत’ की कहानी दोहराने जा रहे हैं?
⚖️ ‘वन बार वन वोट’ की ऐतिहासिक जीत से पहचान बनी
वर्ष 2023 में राजस्थान की अधिवक्ता राजनीति में एक नया इतिहास लिखा गया था, जब सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहली बार “वन बार वन वोट” प्रणाली लागू हुई।
इस पारदर्शी प्रक्रिया में दी बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष पद पर पवन शर्मा ने रिकॉर्ड मतों से विजय दर्ज की थी।

उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी संदीप लुहाड़िया को 833 वोटों के भारी अंतर से हराया था — यह अंतर अब तक का सबसे बड़ा मार्जिन माना जाता है।
उसी जीत ने उन्हें प्रदेशभर के अधिवक्ताओं के बीच एक साफ-सुथरी और प्रभावशाली छवि दी।
🌐 डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और पारदर्शिता का मॉडल
जयपुर बार एसोसिएशन में अपने कार्यकाल के दौरान पवन शर्मा ने जो काम किए, उन्होंने वकालत जगत में सुधार और आधुनिकता की नई मिसालें कायम कीं।
उनकी नेतृत्व शैली में पारदर्शिता, तकनीक और टीमवर्क तीनों की झलक दिखी। उन्होंने प्रशासनिक और वित्तीय सुधारों को प्राथमिकता दी, जिससे अधिवक्ताओं में नया भरोसा पैदा हुआ।
मुख्य उपलब्धियां:
- बार में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और डिजिटल पेमेंट सिस्टम लागू किया।
- नई वेटिंग हॉल का निर्माण और स्थापना दिवस समारोह का आयोजन।
- वकीलों के लिए इंश्योरेंस योजना, ID कार्ड और वाहन स्टीकर व्यवस्था।
- अयोध्या यात्रा, सफाई अभियान और चैम्बर आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया।
- सोलर पैनल सुविधा और कंप्यूटराइज्ड AIR लाइब्रेरी की स्थापना।
💰 वित्तीय पारदर्शिता की नई मिसाल
पवन शर्मा ने न केवल प्रबंधन में सुधार किया बल्कि आर्थिक पारदर्शिता की दिशा में भी ठोस कदम उठाए।
उन्होंने वकालतनामा से ₹2 लाख से अधिक की आय सुनिश्चित की, जिससे बार एसोसिएशन की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई।
उनके कार्यकाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश की उपस्थिति रही — जिसने बार एसोसिएशन की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी।
🔍 अब नजरें राजस्थान बार काउंसिल चुनाव पर
अब जब पवन शर्मा ने राजस्थान बार काउंसिल चुनाव के लिए औपचारिक दावेदारी जताई है, तो अधिवक्ताओं के बीच यह सवाल गूंज रहा है —
क्या वे जयपुर बार में किए गए सुधारों को अब पूरे प्रदेश की बार एसोसिएशनों तक ले जाएंगे?
उनके समर्थकों का कहना है कि “वन बार वन वोट” के बाद अब वक्त है “वन बार वन विजन” का,
और यह विजन सिर्फ पवन शर्मा जैसे दूरदर्शी और तेजतर्रार नेता ही साकार कर सकते हैं।

