प्रदेश का रोप-वे नेटवर्क अब एक्सपेंशन मोड में
देहरादून सचिवालय में हुई अहम बैठक में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने स्पष्ट कर दिया कि अब उत्तराखण्ड के हर रोप-वे प्रोजेक्ट को एकीकृत समिति की स्वीकृति ही अंतिम मार्गदर्शक होगी। राज्य का लक्ष्य है—रोप-वे इंफ्रास्ट्रक्चर को सुव्यवस्थित, पारदर्शी और तेज़ रफ्तार देना।
पहली बोर्ड बैठक इस माह—कड़ी टाइमलाइन तय
बैठक में निर्देश दिया गया कि रोप-वे विकास समिति की पहली बोर्ड बैठक इसी माह के अंत तक हर हाल में हो। सचिव पर्यटन को सदस्य सचिव का दायित्व मिला है, जबकि एनएचएलएमएल को एक सप्ताह के भीतर एसपीवी का सीईओ नियुक्त करना है। इससे प्रोजेक्ट्स की प्रक्रिया अब फास्ट-ट्रैक मोड में जाने की तैयारी में है।

डुप्लीकेसी खत्म—एकल स्वीकृति प्रणाली लागू
राज्य सरकार ने तय किया कि अलग-अलग एजेंसियों द्वारा समान प्रोजेक्ट बनाने की स्थिति खत्म करनी होगी। इसलिए सभी प्रस्ताव अब एक ही समिति के अधीन होंगे, जिससे निवेशक, विभाग और डेवलपर्स तीनों के लिए क्लियर रोडमैप तैयार हो सके।
50 में से 6 मेगा प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता
राज्य में 50 रोप-वे प्रस्तावों में से 6 को टॉप प्रायोरिटी दी गई है।
सबसे महत्वपूर्ण दो प्रोजेक्ट्स—
• सोनप्रयाग–केदारनाथ
• गोविन्दघाट–हेमकुण्ट साहिब
—दोनों का कार्य पहले ही आवंटित किया जा चुका है।
काठगोदाम–हनुमानगढ़ी रोप-वे स्वीकृति के चरण में है और अब इसका दायरा और बड़ा हो चुका है।
कैंचीधाम—अब रोप-वे से जुड़ने की राह पर
बैठक का हाईलाइट यही रहा कि काठगोदाम–हनुमानगढ़ी प्रोजेक्ट में अब कैंचीधाम को भी शामिल किया जाएगा। श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला यातायात प्रबंधन और धार्मिक पर्यटन दोनों के लिए एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड साबित होगा। यह रूट पहाड़ के पर्यटन को एक नए स्तर पर ले जा सकता है।
भारी मशीनरी, कठिन भूभाग—इंफ्रा सुधार के निर्देश
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में मशीनरी ले जाना सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। इसी कारण सड़कों का टर्निंग रेडियस बढ़ाने, पुलों के मजबूतीकरण और पहुंच मार्गों के सुधार पर तुरंत काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
अन्य प्रमुख प्रोजेक्ट्स की स्थिति
• कनकचौरी–कार्तिक स्वामी रोप-वे की डीपीआर लगभग तैयार
• रैथल–बारसू–बरनाला और
• जोशीमठ–औली–गौरसों
—दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है।
अगले 10 साल का पर्यटन ब्लूप्रिंट बनाने की पहल
मुख्य सचिव ने कहा कि बड़े रोप-वे बनने के बाद आसपास कौन-कौन से नए पर्यटन स्थल विकसित हो सकते हैं, इसका मास्टर प्लान अभी तैयार किया जाए, ताकि पर्यटन अर्थव्यवस्था को अगले दशक का स्पष्ट विज़न मिल सके।
