देहरादून, 30 दिसम्बर 2025
उत्तराखण्ड में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, खेल और प्रशासनिक सुधारों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को 8 मार्च 2026 तक गर्ल्स टॉयलेट से पूरी तरह सैचुरेट किया जाए। इसके साथ ही स्कूलों में शौचालयों की साफ-सफाई और नियमित देखभाल के लिए ठोस कार्ययोजना शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा गया है।
ये निर्देश सचिवालय में आयोजित सचिव समिति बैठक के दौरान दिए गए, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी भी जुड़े रहे।
स्कूलों में गर्ल्स टॉयलेट: उपलब्धता नहीं, उपयोग सुनिश्चित करना लक्ष्य
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शौचालय मौजूद हैं, लेकिन साफ-सफाई और मेंटेनेंस की कमी के कारण वे उपयोग योग्य नहीं रह गए हैं।
उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि—
- सभी स्कूलों के टॉयलेट की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाए
- सफाई, रखरखाव और निगरानी के लिए राज्यस्तरीय वर्क प्लान तैयार किया जाए
- बालिकाओं की गरिमा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए
यह कदम विशेष रूप से बालिका शिक्षा में ड्रॉपआउट रोकने और स्कूल उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से अहम माना जा रहा है।
छात्रों के लिए 2–3 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर जोर
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 2 से 3 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करने पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि—
- छात्र अपने राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों को करीब से जान सकेंगे
- उत्तराखण्ड की संस्कृति, विरासत और भौगोलिक विविधता की समझ विकसित होगी
- पर्यटन के प्रति स्थानीय जुड़ाव और गर्व की भावना मजबूत होगी
आंगनवाड़ी केंद्र होंगे ‘आदर्श’: CSR फंड का पूर्ण उपयोग
प्रदेशभर के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों की तर्ज पर विकसित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि—
- वित्तीय वर्ष 2026–27 का CSR फंड आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास में उपयोग किया जाए
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को पास के आंगनवाड़ी केंद्र गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए
- नए आंगनवाड़ी केंद्र स्कूल परिसरों के समीप स्थापित किए जाएं
इससे आंगनवाड़ी और स्कूल के बीच की दूरी कम होगी और पोषण, प्रारंभिक शिक्षा व देखभाल के उद्देश्य बेहतर ढंग से पूरे हो सकेंगे।
खेल नीति: 2036 ओलंपिक लक्ष्य, ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट’ मॉडल
खेल विभाग को निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का वर्षभर अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि—
- स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शीघ्र शुरू की जाए
- वर्ष 2036 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक रणनीति बने
- प्रतियोगिताओं के माध्यम से 1000–1500 प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान की जाए
- जिलाधिकारी अपने जनपद में सबसे लोकप्रिय खेल को चुनकर
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट’ मॉडल लागू करें
यह दृष्टिकोण उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
प्रशासनिक सुधार: सभी विभागों में 100% ई-ऑफिस अनिवार्य
मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने-अपने विभागों और जनपद स्तरीय कार्यालयों में 100 प्रतिशत ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि—
- गृह विभाग सहित कई विभाग पहले ही पूर्णतः ई-ऑफिस हो चुके हैं
- आईटीडीए को शेष विभागों में ई-ऑफिस लागू कराने की जिम्मेदारी दी गई
- आधार आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति को सैलरी सिस्टम (IFMS) से जोड़ा जाएगा
इससे प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यकुशलता बढ़ेगी।
पर्यटन नीति: ‘वन स्टेट वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ पर फोकस
पर्यटन को नई दिशा देते हुए मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को निर्देश दिए कि—
- प्रदेश के 5 से 7 प्रमुख पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया जाए
- सभी जनपद अपनी बेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन लिस्ट साझा करें
- ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल’ मॉडल के तहत स्थानीय त्योहारों को बढ़ावा दिया जाए
इस पहल से उत्तराखण्ड की स्थानीय संस्कृति और पर्यटन अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रशांत जोशी, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, दीपक रावत, विनोद कुमार सुमन सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

