उत्तराखंड

यमनोत्री धाम में अब एक घंटे में ही करने होंगे दर्शन, यहां जानें नई व्यवस्था के बारे में

चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। लगातार देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। इसी बीच बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यमनोत्री धाम में दर्शन के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है। जिसके तहत जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर और डंडी से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अधिकतम संख्या और समयावधि को तय कर दिया गया है।

अब एक घंटे में ही करने होंगे दर्शन

यमनोत्री धाम की यात्रा को और भी सुगम बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यमनोत्री धाम की यात्रा करने वाले यात्रियों को एक घंटे में दर्शन कर वापस लौटना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो संचालक बिना यात्री को अपने साथ लिए ही वापस आ जाएंगे। इसके साथ ही धाम में घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या भी तय कर दिया गया है। एक दिन में 800 घोड़े-खच्चर ही जाएंगे।

घोड़े-खच्चरों के आवागमन का समय भी तय

बता दें कि जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी वाले मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के आवागमन का समय भी तय कर दिया गया है। सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाएगा। 800 घोड़े खच्चरों के राउंड पूरे होने के बाद जानकीचट्टी से उसी अनुपात में घोड़े खच्चर दोबारा भेजे जाएंगे जिस अनुपात से ये यमुनोत्री से वापस आएंगे। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर पांच घंटे से ज्यादा समय तक कोई भी घोड़-खच्चर नहीं रहेगा।

डंडी-कंडी की अधिकतम संंख्या तय

घोड़े-खच्चरों का संचालन प्रीपेड काउंटर से होगा और यहीं पर पर्ची भी काटी जाएगी। इसके बाद इसी काउंटर पर भुगतान भी किया जाएगा। इस बारे में यात्रियों को लाउडस्पीकर से जानकारी दी जाएगी। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम आने-जाने वाली डंडी-कंडी की अधिकतम संख्या को भी तय किया गया। अब एक दिन में 300 डंडी-कंडी ही यात्रा पर जाएंगी। इनके आवागमन का समय सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक तय किया गया है।

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