उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में BJP के संकल्प पत्र के लिए 70 हजार सुझाव, जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत इन मुद्दों की बात
उत्तराखंड लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र के लिए उत्तराखंड से 70 हजार से अधिक सुझाव मिले हैं। इनमें से 40 फीसदी केंद्र सरकार, जबकि 60 फीसदी सुझाव राज्य सरकार से जुड़े हुए हैं।भाजपा संकल्प पत्र समिति की बैठक गुरुवार को रिस्पना पुल के समीप भाजपा के चुनावी मीडिया सेंटर में आयोजित हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने पूरे राज्य से आए सुझावों पर चर्चा की। राज्य और केंद्र से जुड़े सुझावों को अलग-अलग किया, ताकि इन्हें समाहित किया जा सके। इस बैठक के बाद पत्रकार वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि भाजपा ने 15 फरवरी को राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में संकल्प पत्र के लिए सुझाव पेटिका भेजी थी।
उन्होंने बताया कि एक महीने में सभी विधानसभा क्षेत्रों से करीब 70 हजार सुझाव मिले। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा से औसतन एक हजार सुझाव आए हैं। केंद्र से संबंधित सुझाव शीर्ष नेतृत्व को भेज दिए गए हैं, जबकि राज्य से जुड़े सुझाव राज्य सरकार को दिए जाएंगे। इस दौरान चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष एवं सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, दीप्ति रावत, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, मनवीर सिंह चौहान, राजेंद्र नेगी, सौरभ थपलियाल, तेजराम सेमवाल आदि मौजूद रहे।
सभी वर्गों से मिले हैं सुझाव
त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि पार्टी को समाज के हर वर्ग से सुझाव मिले हैं। इसमें युवा, महिलाएं भी शामिल हैं।
सुझाव देश में लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून
भाजपा के संकल्प पत्र के लिए जो सुझाव आए हैं, उनमें कुछ सुझाव काफी अहम हैं। पार्टी समर्थकों ने संकल्प पत्र में जनसंख्या कानून के वादे को शामिल कर देश में इस कानून को लागू करने का सुझाव दिया है।
इसके साथ ही राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए राज्य के लिए जीएसटी के मानकों में बदलाव, आयुष्मान योजना में निशुल्क इलाज की सीमा को लोगों ने पांच लाख रुपये सालाना बढ़ाने की जरूरत बताई है। जबकि, बदरी-केदार मंदिरों की तरह गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों का भी पुनर्निर्माण कराए जाने की जरूरत बताई गई है।
सुझाव से तैयार होगा देश के विकास का रोडमैप
भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों से मिले सुझावों में से केंद्र से संबंधित सभी सुझाव शीर्ष नेतृत्व को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होने वाले संकल्प पत्र में इन्हें समाहित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुझाव केंद्र और राज्य सरकारों के लिए खासे अहम हैं। क्योंकि इससे पूरे देश के विकास का रोडमैप तय किया जाएगा।