राजस्थान

बाज की तरह आसमान से होगी निगरानी, पांच किलोमीटर तक रहेगी ड्रोन की पैनी नजर, ये सावधानी जरूरी

जयपुर पुलिस समय के साथ अपनी तकनीकों को उन्नत कर रही है और अब यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हाई रेजोल्यूशन ड्रोन कैमरों का सहारा लिया जा रहा है। अब तक जहां पुलिसकर्मी यातायात की निगरानी करते थे, वहीं अब बाज की तरह आसमान से निमय तोड़ने वालों को पकड़ लेगी पुलिस। ड्रोन कैमरे आसमान से नजर रखेंगे और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालान जारी करेंगे।

ड्रोन कैमरों का उपयोग यातायात व्यवस्था में
पहले ड्रोन कैमरों का उपयोग केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया जाता था, लेकिन अब जयपुर में ट्रैफिक पुलिस ने इनका इस्तेमाल यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए भी शुरू कर दिया है। ड्रोन कैमरों से शहर की सड़कों पर होने वाले ट्रैफिक जाम, नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले वाहन चालकों पर नजर रखी जा रही है। खास बात यह है कि ड्रोन कैमरे वाहन नंबर प्लेट्स को 5 किलोमीटर दूर से भी साफ-साफ कैप्चर कर सकते हैं, जिससे नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
उन्नत तकनीक के साथ ड्रोन कैमरे
जयपुर पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल रूम से ड्रोन कैमरे उड़ाने शुरू किए हैं, जो 5 किलोमीटर के दायरे में सड़कों की सीधी तस्वीरें पुलिस तक पहुंचा रहे हैं। यह स्वदेशी ड्रोन 1500 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम हैं और बिना रुके एक घंटे तक काम कर सकता है। इस ड्रोन की कीमत करीब 25 लाख रुपये है और इसमें 27x हाई रेजोल्यूशन कैमरा लगा हुआ है, जिससे दूर की चीजों को भी साफ-साफ देखा जा सकता है। तकनीकी खराबी होने पर यह ड्रोन अपने आप ड्रॉप पॉइंट पर वापस आ जाता है।

इन नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
ड्रोन कैमरों से ली गई तस्वीरों के आधार पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर चालान किया जाएगा। इसके साथ ही, नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर भी कार्रवाई होगी। साथ ही ड्रोन कैमरों से पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी नजर रखी जाएगी, ताकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। पुलिस महकमा ड्रोन की मदद से पूरे शहर की सड़कों पर नज़र रख रहा है, जिससे यातायात की समस्याओं को हल किया जा सके।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल
जयपुर में फिलहाल यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई है, जहां ट्रैफिक पुलिस निजी कंपनी के सहयोग से ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इसे बड़े स्तर पर लागू करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। आने वाले समय में ड्रोन कैमरे जयपुर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, जिससे ट्रैफिक पुलिस के लिए यह एक मजबूत हथियार साबित होगा।

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