“उत्तराखंड में 365 दिन टूरिज्म ON: PM मोदी पहुंचे मां गंगा के मायके

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की धरती पर कदम रखते ही एक नया इतिहास रच दिया। मां गंगा के मायके मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल से ‘365 डे टूरिज्म’ की शुरुआत कर उन्होंने प्रदेश को पर्यटन की नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया। अब चारधाम यात्रा या बर्फबारी तक सीमित रहने वाला पर्यटन पूरे साल चलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार और व्यापार को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। इस परिवर्तन के पीछे प्रधानमंत्री मोदी के विजन के साथ-साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की रणनीतिक सोच और धरातल पर तेजी से काम करने की क्षमता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

PM मोदी की ऐतिहासिक उत्तराखंड यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत उत्तरकाशी मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल से की, जहां उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना कर ‘शीतकालीन चारधाम यात्रा’ का औपचारिक शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की भूमि सिर्फ आस्था की नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और विकास की भी भूमि बनेगी। 365 दिन पर्यटन की यह योजना राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।”

PM मोदी ने उत्तराखंड में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी की और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों का निरीक्षण किया। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों से लेकर नए पर्यटक स्थलों के विकास की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।

CM धामी का विजन: धरातल पर उतरता पर्यटन मॉडल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन को सिर्फ धार्मिक यात्राओं तक सीमित रखने की बजाय उसे एक व्यापक उद्योग के रूप में विकसित करने का लक्ष्य तय किया है। उनकी सरकार राज्य में स्पिरिचुअल, एडवेंचर, वेलनेस, और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है।

CM धामी ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नए सर्किट विकसित करने और स्थानीय लोगों को इस उद्योग से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में उनकी सरकार ने होम-स्टे पॉलिसी को और आकर्षक बनाया, जिससे पर्यटक न केवल होटलों में बल्कि गांवों में रहकर भी उत्तराखंड की संस्कृति का अनुभव कर सकें।

पर्यटन से आर्थिक पहिया तेज़ी से घूमेगा

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है, लेकिन अब तक यह मौसमी था। 365 डे टूरिज्म से यह बाधा समाप्त हो जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी की इस पहल के तहत नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं, होम-स्टे और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है और धार्मिक पर्यटन को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। इससे होटल व्यवसाय, टैक्सी सेवाएं, लोकल बाजार और कई अन्य सेक्टरों को स्थायी आमदनी मिलेगी।

रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित

पर्यटन बढ़ने से राज्य में लाखों युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर खुलेंगे। होटल इंडस्ट्री, ट्रैकिंग गाइड्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स, पारंपरिक हस्तशिल्प और लोकल उत्पादों से जुड़े कामों में स्थायी नौकरियां मिलेंगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा, जिससे पलायन रुकेगा और गांवों में समृद्धि आएगी।

व्यापार और स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड का पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पाद, बुरांश जूस, पहाड़ी मसाले, शहद और आयुर्वेदिक औषधियां अब पर्यटन के माध्यम से देश-विदेश में अपनी पहचान बनाएंगे। टूरिज्म के साथ स्थानीय उत्पादों की बिक्री भी बढ़ेगी, जिससे छोटे और मध्यम व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

ट्रिपल इंजन सरकार का करिश्मा

प्रदेश में भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन सरकार’— केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों की एकजुटता— इस बदलाव की सबसे बड़ी ताकत है। केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए बजट बढ़ाया, राज्य सरकार ने नई पर्यटन नीति बनाई और स्थानीय निकाय इसे ज़मीनी स्तर पर लागू करने में जुटे हैं। चारधाम पुनर्निर्माण, नई सड़कों, रोपवे, और रेलवे कनेक्टिविटी जैसी योजनाएं इस ट्रिपल इंजन की गति को दिखा रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म को मिलेगा बूस्ट

उत्तराखंड को योग, वेलनेस और एडवेंचर टूरिज्म का ग्लोबल हब बनाने की योजना है। ऋषिकेश पहले ही योग राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है, अब उसे और विकसित कर विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है। इसके अलावा, वाइल्डलाइफ सफारी, कैंपिंग, ट्रेकिंग और स्कीइंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा, जिससे विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि होगी।

आत्मनिर्भर उत्तराखंड

PM मोदी और CM धामी की इस ऐतिहासिक पहल से उत्तराखंड आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 365 डे टूरिज्म के जरिए प्रदेश की आय में वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय व्यवसायों को नई रफ्तार मिलेगी। यह सिर्फ एक शुरुआत है— आने वाले वर्षों में उत्तराखंड पर्यटन के नए आयाम छुएगा और ‘देवभूमि’ से ‘पर्यटन भूमि’ बनने की ओर अग्रसर होगा।

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