देहरादून के थानों तहसील अंतर्गत ग्राम कण्डोगल, कुड़ियाल गांव में एक पूर्व निर्मित आवासीय भवन के प्रथम और द्वितीय तल पर बिना अनुमति धार्मिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण ने जांच में पाया कि संबंधित भवन में न तो मानचित्र स्वीकृत था और न ही किसी प्रकार की वैधानिक अनुमति ली गई थी।
📌 एमडीडीए की जांच में क्या सामने आया
एमडीडीए के अनुसार, लगभग 20×40 फीट क्षेत्रफल में बिना स्वीकृति निर्माण कर इन्तजामिया कमेटी जामा मस्जिद द्वारा संचालन किया जा रहा था। यह मामला सामने आने के बाद 21 नवंबर 2024 को उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम 1973 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और तत्काल प्रभाव से निर्माण व संचालन पर रोक लगाई गई।
📌 सुनवाई में नहीं दिए गए दस्तावेज
प्रकरण में कई बार सुनवाई की तिथियां तय की गईं, लेकिन संबंधित पक्ष की ओर से न तो कोई संतोषजनक जवाब प्रस्तुत किया गया और न ही शमन मानचित्र या वैध दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। अभियन्ताओं की आख्या में यह भी स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र में कोई भी मदरसा उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा परिषद में पंजीकृत नहीं है।
📌 वक्फ बोर्ड और मदरसा परिषद की स्थिति
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में भी संबंधित क्षेत्र में किसी मस्जिद के पंजीकरण की पुष्टि नहीं हुई। वहीं मदरसा शिक्षा परिषद के अनुसार थानो न्याय पंचायत क्षेत्र में कोई मान्यता प्राप्त मदरसा संचालित नहीं है। इन तथ्यों ने प्रकरण को और गंभीर बना दिया।
📌 सीलिंग की कार्रवाई
बार-बार शिकायतें मिलने और नियमों के उल्लंघन के स्पष्ट प्रमाण सामने आने के बाद एमडीडीए ने अवैध निर्माण के विरुद्ध सीलिंग आदेश पारित किया। आदेश के तहत पुलिस बल की मौजूदगी में प्राधिकरण की टीम ने संबंधित भवन को सील कर दिया।
📌 एमडीडीए उपाध्यक्ष का बयान
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में बिना स्वीकृति किए गए किसी भी निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया। सुनियोजित विकास, सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए ऐसी कार्रवाई जरूरी है।
📌 सचिव एमडीडीए का पक्ष
एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह विधिसम्मत है और तकनीकी आख्या व अभिलेखों के आधार पर की गई है। भविष्य में भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
