भूमि रिकॉर्ड होंगे पूरी तरह ऑनलाइन, 1 जनवरी से शुरू होगा भूलेख पोर्टल

देहरादून में सचिवालय स्तर पर भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण को लेकर अहम समीक्षा बैठक हुई। बैठक में एनआईसी, आईटीडीए और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न सॉफ्टवेयर और पोर्टल्स की प्रगति पर प्रस्तुति दी। उद्देश्य स्पष्ट था—राज्य में भूमि से जुड़े सभी रिकॉर्ड को पारदर्शी, तेज और नागरिकों के लिए सुलभ बनाना।


1 जनवरी से भूलेख पोर्टल होगा लॉन्च

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि भूलेख पोर्टल को 1 जनवरी से हर हाल में शुरू किया जाए। इस पोर्टल के माध्यम से आम नागरिक घर बैठे अपने भूमि अभिलेख देख सकेंगे और आवश्यक प्रतियां भी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इससे दफ्तरों के चक्कर और अनावश्यक देरी में बड़ी कमी आने की उम्मीद है।


दाखिल-खारिज की मिलेगी रियल टाइम जानकारी

भूलेख पोर्टल को नागरिक-केंद्रित बनाते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में जैसे ही स्टेटस अपडेट होगा, संबंधित व्यक्ति को व्हाट्सएप और एसएमएस के जरिए तुरंत सूचना मिले। आरओआर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होते ही सजरे में भी स्वतः अपडेट दिखाई देगा, जिससे रिकॉर्ड में किसी तरह का भ्रम न रहे।


26 जनवरी 2026 तक लागू होगा आरसीएमएस पोर्टल

बैठक में यह भी तय किया गया कि राजस्व मामलों के लिए आरसीएमएस पोर्टल को 26 जनवरी 2026 तक लागू कर दिया जाए। इसका उद्देश्य राजस्व से जुड़े मामलों की निगरानी, ट्रैकिंग और निस्तारण को तकनीक के माध्यम से अधिक प्रभावी बनाना है।


राजस्व कोर्ट बनेंगी पूरी तरह ई-कोर्ट

राजस्व न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए राजस्व कोर्ट को पूरी तरह ई-कोर्ट के रूप में स्थापित करने के निर्देश दिए गए। इससे मामलों की सुनवाई, दस्तावेज सत्यापन और आदेश प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी, जिससे निर्णय तेजी से हो सकेंगे।


पटवारी-कानूनगो स्तर पर तय होगी समय-सीमा

राजस्व मामलों में देरी रोकने के लिए पटवारी और कानूनगो स्तर पर भूमि अभिलेखों के सत्यापन हेतु स्पष्ट समय-सीमा तय करने को कहा गया है। इस समय-सीमा को सॉफ्टवेयर सिस्टम में शामिल किया जाएगा ताकि हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित हो और मामलों का शीघ्र निस्तारण हो सके।


आईटीडीए को सिस्टम मजबूत करने के निर्देश

डिजिटल व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए आईटीडीए को अपने तकनीकी सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सभी हितधारकों और उपयोगकर्ताओं के लिए आवश्यक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया, ताकि नई प्रणाली का प्रभावी उपयोग किया जा सके।


बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में सचिव एस.एन. पाण्डेय, राजस्व आयुक्त रंजना राजगुरू, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल सहित एनआईसी, आईटीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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