चुनावी माहौल में बड़ा खुलासा
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यालय से जुड़े एक कर्मचारी के पास से 5 लाख रुपये की नकदी बरामद होने के बाद से राजधानी की सियासत गरमा गई है। बताया जा रहा है कि यह रकम एक स्थानीय व्यक्ति ने गौरव नामक कर्मचारी के पास देखी, जिसके बाद लोगों ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
कैसे हुआ खुलासा?
दिल्ली के स्थानीय नागरिकों की सतर्कता से यह मामला उजागर हुआ। चश्मदीदों के मुताबिक, गौरव और उसका ड्राइवर संदिग्ध तरीके से पैसे का लेन-देन कर रहे थे। जब स्थानीय लोगों को इस पर शक हुआ तो उन्होंने तुरंत उन्हें रोका और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गौरव और उसके ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। प्रारंभिक जांच में अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये पैसे कहां से आए और इनका क्या उद्देश्य था। हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उपराज्यपाल (LG) ने स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम अभी पैसे के स्रोत और इसके संभावित उपयोग की जांच कर रहे हैं। अगर यह चुनाव से जुड़ा कोई मामला हुआ, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक हलचल तेज
इस घटना के बाद से विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (AAP) और मुख्यमंत्री आतिशी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने इस मुद्दे को चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन से जोड़ते हुए चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
BJP प्रवक्ता ने कहा, “दिल्ली में सरकार भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। चुनाव के दौरान इस तरह की नकदी बरामद होना साफ संकेत देता है कि कुछ तो गड़बड़ है।”
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद ही प्रतिक्रिया दी जाएगी।
चुनाव आयोग की नजर
चुनाव आयोग भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है। अगर बरामद नकदी का संबंध चुनावी प्रक्रिया से पाया गया, तो यह गंभीर मामला बन सकता है। चुनाव आयोग पहले ही चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को लेकर कड़ी सख्ती बरतने के निर्देश दे चुका है।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजरें पुलिस जांच और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। क्या इस मामले में कोई बड़ी साजिश है, या फिर यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला है? यह सवाल अभी अनुत्तरित है। लेकिन चुनावी माहौल में इस घटना ने जरूर हलचल मचा दी है।
दिल्ली की जनता भी अब इस मामले में पूरी सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रही है। क्या यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत बनेगा, या फिर यह सिर्फ एक छोटी घटना बनकर रह जाएगा? यह तो आने
वाले दिनों में साफ हो पाएगा।