IMF छोड़ेंगी गीता गोपीनाथ, लौटेंगी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक (First Deputy Managing Director) गीता गोपीनाथ अगले महीने IMF से विदाई लेंगी। वे सितंबर 2025 से अमेरिका के प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर लौटेंगी। गीता गोपीनाथ की यह वापसी न केवल शिक्षाविदों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थनीति जगत के लिए भी एक बड़ा घटनाक्रम मानी जा रही है।


IMF में एक ऐतिहासिक यात्रा

गीता गोपीनाथ ने जनवरी 2019 में IMF के मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist) के तौर पर कार्यभार संभाला था। वे इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनी थीं। वैश्विक महामारी COVID-19 के दौरान उनकी नीतिगत भूमिका को खूब सराहा गया, जब उन्होंने कई देशों को आर्थिक राहत और पुनर्निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन दिया।

जनवरी 2022 में उन्हें IMF का नंबर दो पद – First Deputy Managing Director – सौंपा गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने वैश्विक मंदी, मुद्रास्फीति, और यूक्रेन-रूस युद्ध जैसी जटिल परिस्थितियों में IMF की रणनीति को दिशा दी।


फिर लौटेंगी शैक्षणिक जीवन में

IMF के अनुसार, गीता गोपीनाथ अगस्त 2025 के अंत में संगठन से औपचारिक रूप से विदा लेंगी। इसके बाद वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स विभाग में प्रोफेसर के रूप में 1 सितंबर से कार्यभार संभालेंगी।

इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा:

“IMF में बिताए गए लगभग 7 शानदार वर्षों के बाद, मैं फिर से अपने अकादमिक जीवन में लौटने का निर्णय ले रही हूं। 1 सितंबर से मैं @HarvardEcon में वापस पढ़ाना शुरू करूंगी। यह मेरे जीवन की एक समृद्ध और सीखों से भरी यात्रा रही है।”


भारतीय मूल की वैश्विक आइकन

कोलकाता में जन्मी और दिल्ली विश्वविद्यालय तथा दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स की पूर्व छात्रा गीता गोपीनाथ ने अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। वे भारतीय मूल की पहली महिला हैं जिन्होंने IMF जैसे वैश्विक संगठन के शीर्ष पदों पर नेतृत्व किया। उन्होंने अमेरिका में नागरिकता प्राप्त की, लेकिन भारत से उनका भावनात्मक जुड़ाव आज भी उतना ही गहरा है।


IMF में बदलाव और आगे की राह

गीता के इस्तीफे के बाद अब IMF को एक नए First Deputy Managing Director की तलाश करनी होगी। यह नियुक्ति अमेरिका द्वारा अनुमोदित होती है, क्योंकि IMF की परंपरा के अनुसार यह पद आम तौर पर अमेरिकी नागरिक को दिया जाता है।

IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने गीता के योगदान की सराहना करते हुए कहा,

“गीता एक प्रेरणादायक नेता, गहरी सोच वाली अर्थशास्त्री और IMF के लिए अमूल्य स्तंभ रही हैं।”


शिक्षा जगत को मिलेगा बड़ा योगदान

गीता गोपीनाथ की हार्वर्ड वापसी से यह उम्मीद की जा रही है कि वे वैश्विक मैक्रोइकनॉमिक्स, अंतरराष्ट्रीय वित्त और नीतिगत अर्थशास्त्र में नई पीढ़ी को शिक्षित करेंगी और शोध को नई दिशा देंगी। उनके अनुभव और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से हार्वर्ड के छात्रों को अप्रतिम लाभ मिलेगा।


अंतरराष्ट्रीय पहचान का गर्व

भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि एक भारतीय मूल की महिला वैश्विक आर्थिक मंचों पर इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचीं और अब अपनी शिक्षाविद पृष्ठभूमि में लौटकर अगली पीढ़ी का मार्गदर्शन करेंगी।

 

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