देहरादून, 24 सितंबर 2025 – उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। देहरादून पुलिस ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक की बहन साबिया (35 वर्ष, पुत्री शहजाद, सुल्तानपुर आदमपुर, थाना लक्सर हरिद्वार) को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि साबिया ने परीक्षा में नकल कराने के लिए प्रश्न पत्रों के फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे थे।
कैसे हुआ मामला खुलासा
UKSSSC द्वारा शिकायत मिलने पर एसएसपी देहरादून ने SIT गठित की थी। जांच में यह सामने आया कि प्रश्न पत्रों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए थे। पूछताछ में सुमन ने बताया कि यह फोटो उसे खालिद मलिक की बहन साबिया द्वारा भेजे गए थे। इसके बाद सुमन ने स्क्रीनशॉट लेकर एक अन्य व्यक्ति को दिए, जिन्होंने परीक्षा समाप्ति के बाद इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया।
संदिग्ध सहयोगी और अन्य पहलू
जांच में यह भी उजागर हुआ कि खालिद मलिक की एक अन्य बहन हिना की भूमिका भी संदिग्ध है। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और परीक्षा केंद्र के प्रिंसिपल, कक्ष निरीक्षक व अन्य गवाहों से गहन पूछताछ की।
पुलिस ने पाया कि साबिया को परीक्षा में प्रतिभाग करने की पूरी जानकारी थी, इसके बावजूद उसने प्रश्न पत्रों के फोटो सॉल्व कराने और उत्तर प्राप्त करने के लिए प्रोफेसर सुमन से संपर्क किया। इस तथ्य के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया।

प्रमुख बिंदु
- अभियुक्ता साबिया ने खालिद मलिक के लिए प्रश्न पत्र भेजे और उत्तर प्राप्त किए।
- सुमन ने स्क्रीनशॉट एक अन्य व्यक्ति को दिया, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।
- यदि समय रहते सक्षम प्राधिकारी को सूचना दी जाती, तो मुख्य आरोपी खालिद और उसके सहयोगियों को परीक्षा केंद्र से ही पकड़ा जा सकता था।
- पुलिस अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है।
पुलिस और सरकार की कार्रवाई
इस मामले की विवेचना पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश के नेतृत्व में की जा रही है। एसआईटी और पुलिस ने पूरे प्रकरण की गहन जांच की, जिसमें परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण और गवाहों से पूछताछ शामिल है। उत्तराखंड सरकार ने पहले ही कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और भविष्य में परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाएगा।
यह गिरफ्तारी इस घोटाले में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सभी की निगाहें मुख्य आरोपी खालिद मलिक की गिरफ्तारी पर हैं, जो इस पूरे पेपर लीक गिरोह की गुत्थी सुलझा सकता है।
