उत्तराखंड

यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण के साथ धामों में बुनियादी सुविधाएं हो मजबूत

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने चारों धामों में यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण के साथ ही धामों में बुनियादी सुविधाएं विकसित किए जाने पर जोर दिया। महापंचायत अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि धामों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं बेहतर सुनिश्चित की जाएं। इसके लिए चार धाम यात्रा प्राधिकरण के गठन से पहले सरकार को रायशुमारी करनी चाहिए।

अध्यक्ष सेमवाल ने कहा कि चार धाम यात्रा के संचालन को प्राधिकरण बनाए जाने का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना होना चाहिए। धामों में बुनियादी सुविधाओं के विकास साथ ही क्राउड मैनेजमेंट पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के प्रबंधन और संचालन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साफ किया कि प्राधिकरण के उद्देश्यों को समझे बिना किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जाएगा। प्राधिकरण गठन में तीर्थ पुरोहितों, पंडा समाज और स्थानीय लोगों की राय जरूर ली जाए। नहीं तो ये अनदेखी भारी पड़ेगी।

महासचिव डॉ बृजेश सती ने कहा पता चला है कि राज्य सरकार चार धाम यात्रा के लिए प्राधिकरण गठन कर रही है। इस प्राधिकरण से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए। बदरीनाथ और केदारनाथ के मंदिरों का उचित प्रबंध किया जाना जरूरी है। यात्रियों की संख्या नियंत्रण के साथ ही चारों धाम में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए सरकार को चारों धामों से जुड़े लोगों के साथ प्राधिकरण गठन के उद्देश्यों पर विचार विमर्श करना चाहिए। यदि ऐसा न किया गया तो देवस्थानम बोर्ड की तरह विरोध होगा। कहा कि सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों की तुलना में स्थानीय स्तर पर ट्रस्टों द्वारा संचालित मंदिरों का प्रबंधन एवं संचालन बेहतर है। इसकी भी समीक्षा की जानी चाहिए।

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