उत्तराखंड

गुरुजी की ऐसी ड्यूटी! कहां टीचर्स को दिया गया ट्रैफिक संभालने का भी जिम्मा

उत्तराखंड में क्लासरूम के साथ ही गुरुजी अब सड़कों पर नजर आएंगे। पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव ड्यूटी के बाद शिक्षकों को दी जाने वाली इस जिम्मेदारी को देने के पीछे शिक्षा विभाग का तर्क है कि स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां चल रहीं हैं।

नैनीताल में पर्यटकों के ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए शिक्षक अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं। शिक्षकों को मिलने वाली इस जिम्मेदारी को लेकर शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है। पठन-पाठन के अलावा शिक्षकों पर अब पर्यटकों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भी आ गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तक की यातायात नियंत्रण में ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल की भी जिम्मेदारी मिली है। नैनीताल में वीकेंड पर शिक्षा अधिकारी कंट्रोल रूम में बैठकर यातायात की निगरानी करेंगे तो शिक्षक चौराहों पर खड़े होकर यातायात नियंत्रण में मदद करेंगे।इसके लिए शिक्षा विभाग से तीन शिक्षकों और दो मिनिस्टीरियल कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में डीएम कार्यालय की ओर से 27 मई को आदेश जारी हो गए हैं। सात से 13 जून तक डयूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।

गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल घूमने आ रहे पर्यटकों की संख्या ने जिले के शिक्षकों की छुट्टी का आनंद खराब कर दिया है। डीएम कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में नैनीताल में वीकेंड के दौरान पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

जिसे ध्यान में रखते हुए डीईओ (माध्यमिक) नैनीताल को ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए नामित किया गया है। उनके सहयोग के लिए भीमताल के राइंका पटवाडांगर, कोटाबाग के राइंका बगड़ और राइंका सौड़ के एक-एक एलटी सहायक अध्यापक और राबाइंका खुर्पाताल व राइंका पदमपुर मिडार के एक-एक मिनिस्टीरियल कर्मचारी को डयूटी में लगाया गया है।

पर्यटकों को दिखाएंगे राह
शिक्षक और मिनिस्टीरियल कर्मी एक निश्चित स्थान या चौराहों पर खड़े होकर पयर्टकों को उनके वाहनों की पार्किंग के बारे में बताएंगे। जबकि डीईओ माध्यमिक पुष्कर टम्टा नारायणनगर पार्किंग, कैंची, भवाली और भीमताल जैसे प्रमुख स्थानों पर सुगम यातायात में मदद करेंगे।

शिक्षक बोले, अतिरिक्त काम का बोझ
शिक्षकों लगातार पठन-पाठन के अतिरिक्त कामों का विरोध करते रहे हैं। चुनाव, जनगणना, पशुगणना जैसे कई कामों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसके अलावा प्रधानाचार्यों के न होने पर शिक्षक ही ऑफिस का काम भी देखते हैं। पिछले दिनों शिक्षकों को किताबों के वितरण के काम में भी लगा दिया गया था। इसके अलावा मिड-डे-मील वितरण का काम भी कई स्थानों पर लंबे समय से शिक्षक देख रहे हैं।

राजकीय शिक्षक संघ ने शुरू किया विरोध
यातायात नियंत्रण में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का राजकीय शिक्षक संघ की जिला इकाई ने विरोध किया है। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल जिलाध्यक्ष डॉ. विवेक पांडेय का कहना है कि पहले शिक्षकों को कई अतिरिक्त कार्य दिए गए हैं जिससे स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अब छुट्टियों में ये नई जिम्मेदारी देना कर्मचारियों का शोषण है। इसका विरोध किया जाएगा।ग्रीष्मकालीन छुट्टी वाले स्कूलों के शिक्षकों को ही ड्यूटी में लगाया गया है। प्रशासन के निर्देशानुसार 13 जून तक ड्यूटी लगाई गई है।

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