ड्रोन उड़ाने के लिए उत्तराखंड में बनेगा स्पेशल कॉरिडोर, युवाओं को प्रशिक्षण देने का भी प्लान

उत्तराखंड में ड्रोन उड़ाने के लिए स्पेशल कॉरिडोर चिन्हिकित करने के लिए प्लान बनाकर कार्य किया जाएगा।  मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु की अध्यक्षता में ड्रोन पॉलिसी को लेकर बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

इसके लिए देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों से अनुबंध किए जाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड मोस्ट हेलीकॉप्टर फ्रेंडली स्टेट है। लेकिन दुर्घटनाओं की संभावनाओं को देखते हुए इस कारण ड्रोन पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसलिए जीरो रिस्क एरिया को चिन्हित करते हुए ड्रोन कॉरिडोर बनाया जाए।

इसके लिए पिटकुल और यूपीसीएल की लाइनों को ध्यान में रखना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

कहा कि प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से ड्रोन के विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जा सकते हैं। इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए विनीत कुमार, आईजी (सुरक्षा) राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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