दीपावली के बाद थमेंगे परिवहन निगम की बसों के पहिये, निजी बसों के परमिट का होगा विरोध
उत्तराखंड परिवहन निगम में कर्मचारियों की मांगों को लेकर बने परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने दीपावली के बाद पांच नवंबर से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। संविदा-विशेष श्रेणी चालक-परिचालक व अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण एवं अन्य मुद्दों को लेकर कर्मचारी अब सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन से सीधे टकराव के मूड में हैं।
पिछले वर्ष जनवरी व अप्रैल में इन मुद्दों पर प्रस्तावित हड़ताल को सरकार ने किसी तरह कर्मचारियों को मनाकर रोक लिया था, लेकिन इस बार संयुक्त मोर्चा ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है।चार जनवरी को परिवहन निगम मुख्यालय की मांग पर सरकार ने आंदोलन व हड़ताल रोकने के लिए निगम में छह माह के लिए एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू कर दिया था। जिस कारण कर्मचारियों के हाथ बंध गए थे, लेकिन अब एस्मा प्रभावी न होने के कारण कर्मचारियों ने सरकार व निगम प्रबंधन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।
आइएसबीटी पर हुई परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में सरकार और निगम प्रबंधन के विरुद्ध चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करने और पांच नवंबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया था कि 15 अक्टूबर को देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में परिवहन निगम की वित्तीय प्रशासनिक कुप्रबंधन के विरुद्ध संयुक्त मोर्चा एक प्रेस वार्ता करेगा।
तीन दिनों तक रहेगा कार्य बहिष्कार
इसके बाद 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक प्रदेशव्यापी तीन दिवसीय कार्य-बहिष्कार किया जाएगा। इसके साथ ही 23 अक्टूबर को देहरादून, हल्द्वानी व टनकपुर बस अड्डों पर प्रदर्शन किया जाएगा। अगर तब भी सरकार व निगम प्रबंधन ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो दीपावली के बाद पांच नवंबर से संपूर्ण कार्य-बहिष्कार कर बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा।
हड़ताल को लेकर मोर्चा ने पूरी तैयारी कर ली है। मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में विशेष श्रेणी व संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की मांग उठाई जा रही है। संयुक्त मोर्चा में उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन और परिवहन निगम एससी-एसटी श्रमिक संघ शामिल हैं।
निजी बसों के परमिट देने का विरोध
संयुक्त मोर्चा ने राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों के परमिट देने का विरोध किया है। आगामी 16 अक्टूबर को होने जा रही संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में भी कर्मचारियों की ओर से आपत्ति लगाने की बात कही गई है। उनका आरोप है कि सरकार परिवहन निगम का अस्तित्व समाप्त करना चाहती है।