राजस्थान

थप्पड़ कांड पर बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष- कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं

राजस्थान में थप्पड़ कांड पर पिछले दो दिन से जारी विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता मदन राठौड़ ने कहा कि यदि किसी जनप्रतिनिधि को किसी भी प्रकार की शिकायत है, तो उसके समाधान के लिए चुनाव आयोग और निर्वाचन आयोग जैसे प्राधिकरण हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

मदन राठौड़ ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश में हुई घटनाओं पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं ठीक नहीं हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शिकायतों का निराकरण नियमानुसार करना चाहिए। राठौड़ ने कहा, “प्रत्याशी को यदि कोई समस्या है, तो उसे लिखित शिकायत के रूप में आयोग में प्रस्तुत करना चाहिए, न कि कानून को अपने हाथ में लेना चाहिए।”प्रशासन की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए राठौड़ ने कहा कि फिलहाल इस पर कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं की जा सकती, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री स्तर पर इन घटनाओं की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “हम सरकारी तंत्र को पूरी तरह क्लीन चिट नहीं देते हैं, लेकिन एक हद तक प्रशासन ने इस उपद्रव को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की है।”

मदन राठौड़ ने भीड़ को नियंत्रित करने की चुनौती पर भी चर्चा की और कहा कि किसी भी नेता को भीड़ इकट्ठा करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़ को इकट्ठा करके शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना असंभव है और कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

राठौड़ ने मीडिया से कहा कि यदि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की जानकारी मिले जो उपद्रव फैलाने का प्रयास कर रहा हो, तो प्रशासन को सूचित करें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की कि उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और स्पष्ट किया कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा का बयान

इधर कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने समरावता गांव मामले को संवेदनशील बताते हुए प्रश्न किया कि नरेश मीणा को दिन में गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

विधायक इंदिरा मीणा ने अपने वीडियो बयान में कहा कि घटना में निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाए और प्रशासन के लापरवाह व दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने एसडीएम चौधरी का वीडियो बयान भी साझा किया, जिसमें एसडीएम ने बताया कि कलेक्टर ने उनसे कहा था कि कुछ भी करके चार-पांच वोट डलवाए जाएं। विधायक ने सवाल उठाया कि अधिकारियों ने वोट डलवाने के लिए क्यों दबाव डाला और क्यों इसे समझाइश से हल नहीं किया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर नरेश मीणा को गिरफ्तार करना था तो दिन में भी गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन रात के अंधेरे में निर्दोष लोगों के घरों में तोड़फोड़ और गोलियां चलाई गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जान-बूझकर इस मुद्दे को भड़काने के लिए ऐसे कदम उठाए।

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