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राजस्थान भाजपा में हलचल: वसुंधरा राजे की होने जा रही वापसी ?

राजस्थान भाजपा में हाल ही में आयोजित उच्च स्तरीय बैठकों और कई अहम मुलाकातों के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इनमें प्रमुख बैठकें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो बार मुलाकात करने की घटनाएं रही हैं, जिसने उनके बढ़ते प्रभाव को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। ये घटनाएं ऐसे समय में हो रही हैं, जब भाजपा राजस्थान में अपनी चुनावी रणनीतियों को सुदृढ़ करने की कोशिश में है ।

वसुंधरा राजे की बढ़ती भूमिका

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रधानमंत्री से मुलाकात ने उनके राजनीतिक प्रभाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि राजे की वापसी की संभावना पर चर्चा हो रही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राजे के नेतृत्व में भाजपा फिर से राज्य में अपना दबदबा बना सकती है, और यह मुलाकातें इस बात का इशारा कर रही हैं कि भाजपा उन्हें एक प्रमुख भूमिका में देख सकती है।


वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी केंद्रीय नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वसुंधरा राजे से भी मुलाकात की, जिसके बाद यह संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार में कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं। मुख्यमंत्री का केंद्रीय नेतृत्व से संवाद यह संकेत दे रहा है कि पार्टी में एक बार फिर से सत्ता का संतुलन बदल सकता है, खासकर उन नेताओं के पक्ष में, जिनका समर्थन वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों को है।

बता दें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अगले साल की शुरुआत में राजस्थान के संभावित दौरे के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं और तेज हो गई हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह दौरा पार्टी के भीतर की स्थिति को स्पष्ट करने और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि बोर्ड और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला तेज हो सकता है, जिससे पार्टी के प्रमुख नेताओं को अपने समर्थकों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने का मौका मिल सकता है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा अपने पुराने समर्थकों और रणनीतिक गठबंधनों को फिर से मजबूती दे सकती है। उनकी राजनीतिक वापसी से उन विधायकों को भी उम्मीदें हैं, जो राजे के प्रति वफादार हैं। अगर मंत्रिमंडल विस्तार में इन नेताओं को महत्वपूर्ण स्थान मिलता है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत हो सकती है। इसके अलावा, राजे के समर्थक यह मानते हैं कि उनका नेतृत्व राज्य में भाजपा को एक नई दिशा दे सकता है और पार्टी के भीतर व्याप्त असंतोष को दूर कर सकता है।

राजस्थान भाजपा में हो रहे बदलावों और अटकलों के बीच यह स्पष्ट है कि पार्टी के अंदर एक बड़ा खेल चल रहा है, जिसमें वसुंधरा राजे की वापसी को लेकर चर्चा जोरों पर है। अगले कुछ महीनों में, जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा होगा और मंत्रिमंडल में फेरबदल की प्रक्रिया तेज होगी, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी की रणनीति किस दिशा में जाती है और किसे पार्टी में केंद्रीय भूमिका मिलती है।

 

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