घटना का पूरा अपडेट
दिल्ली के 10/11 कार बम मामले में शामिल पाए गए आरोपी डॉ. उमर नबी भट पर अब एक और कड़ी कार्रवाई की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा स्थित उसके घर को रातोंरात IED इस्तेमाल कर ध्वस्त कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों ने इसे टेरर नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने की रणनीति का हिस्सा बताया।
पुलवामा की सड़कों पर सुबह धुएं की गंध थी और मलबा इस बात का प्रमाण कि आतंकी गतिविधियों पर कार्रवाई अब सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रही।
कैसे हुई कार्रवाई?
स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बल देर रात गांव पहुंचे। क्षेत्र की घेराबंदी की गई। तकनीकी मूल्यांकन के बाद घर को विस्फोटक डिवाइस से उड़ाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह वही घर था जहाँ उमर नबी ने कई आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट ऑपरेट किए थे।
‘Doctor Module’ की भूमिका
उमर नबी भट को सुरक्षा एजेंसियां “डॉक्टर मॉड्यूल” के महत्वपूर्ण चेहरे के रूप में देखती हैं। Jaish-e-Mohammad का यह मॉड्यूल दिल्ली कार बम की साजिश से भी जुड़ा है।
एजेंसियों का कहना है कि मॉड्यूल को काउंटर करने के लिए सिर्फ नेटवर्क पकड़ना काफी नहीं—उनकी सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करना भी जरूरी है, और इसी के तहत यह कड़ा कदम उठाया गया।
दिल्ली कार बमकांड से लिंक
10/11 की रात दिल्ली में खड़ी एक कार में प्लांट किए गए विस्फोटक ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को हिला दिया था। जांच से पता चला कि आतंकी मॉड्यूल ने दिल्ली को हाई-इम्पैक्ट टारगेट के तौर पर चुना था।
उमर नबी इस प्लानिंग का हिस्सा था, और इसकी पुष्टि के बाद एंटी-टेरर ऑपरेशन्स को तेज कर दिया गया।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का संदेश
कार्रवाई यह संकेत देती है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता—उसकी रणनीति सक्रिय और निर्णायक है। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि यह कदम भविष्य के आतंकी अभियानों को रोकने और घाटी में कट्टर नेटवर्क को कमजोर करने के लिए उठाया गया है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और माहौल
गांव में सन्नाटा है, लेकिन लोगों में यह चर्चा तेज है कि अब आतंक के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा।
कई निवासियों ने इसे “डलते हुए खतरे को खत्म करने का सख्त कदम” बताया।
आगे की जांच और गिरफ्तारी अपडेट
सुरक्षा एजेंसियों ने मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों पर भी निगरानी बढ़ा दी है। डिजिटल फॉरेंसिक और कम्युनिकेशन ट्रैकिंग के जरिए और कड़ियां जोड़ी जा रही हैं।
उमर नबी के नेटवर्क में छिपे बाकी एक्टिवेटर और सपोर्टर्स पर अगली कार्रवाई संभव है।

