भारतीय शेयर बाजार में सुनामी: एक घंटे में 5.40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, निवेशकों में मची खलबली

मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। ओपनिंग बेल के बाद मात्र एक घंटे में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 5.40 लाख करोड़ रुपये घटकर निवेशकों को सकते में डाल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड टैरिफ बढ़ोतरी के अप्रत्याशित ऐलान ने इस गिरावट को और गहरा कर दिया।

गिरावट की मुख्य वजह: डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद पड़ोसी देशों मैक्सिको और कनाडा पर 25% ट्रेड टैरिफ लगाने की संभावित घोषणा ने ग्लोबल मार्केट में हड़कंप मचा दिया। निवेशकों के बीच अनिश्चितता और सतर्कता का माहौल बन गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह अप्रत्याशित रुख निवेशकों में पैनिक सेलिंग का मुख्य कारण बना।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • ट्रंप प्रशासन ने 1 फरवरी से मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लागू करने का संकेत दिया।
  • संभावित टैरिफ ने मुद्रास्फीति बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने की चिंता पैदा कर दी।
  • बांड यील्ड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना भी सामने आई है।

जोमैटो और अन्य हैवीवेट्स की बड़ी भूमिका

जोमैटो का स्टॉक मंगलवार को भारी दबाव में दिखा और 11% से अधिक गिर गया। इसका मुख्य कारण दिसंबर तिमाही में कंपनी के नेट प्रॉफिट में साल-दर-साल 57% की गिरावट है।

जोमैटो का प्रभाव:

  • जोमैटो के शेयरों में गिरावट ने सेंसेक्स की कुल गिरावट में 170 अंकों का योगदान दिया।

अन्य हैवीवेट्स का प्रदर्शन:

  • रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, और एसबीआई जैसे दिग्गज स्टॉक्स ने सेंसेक्स की गिरावट में कुल 311 अंकों का योगदान दिया।

सेंसेक्स और निफ्टी के आंकड़े

  • बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 5.20 लाख करोड़ रुपये घटकर 426.38 लाख करोड़ रुपये रह गया।
  • सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही दिनभर दबाव में बने रहे और क्रमशः 1235 और 320 अंकों से अधिक टूटे।

विशेषज्ञों का कहना

शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि:

  1. ग्लोबल अनिश्चितता: अमेरिकी नीतियों ने निवेशकों के मनोबल को गिराया है।
  2. स्थानीय दबाव: भारतीय बाजार पर कंपनियों की कमजोर तिमाही नतीजों का असर भी साफ देखा जा सकता है।
  3. आगे का रास्ता: निवेशकों को सतर्कता बरतने और लंबी अवधि के निवेश की रणनीति पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है।

निवेशकों के लिए सुझाव

  • घबराएं नहीं: बाजार में गिरावट के बावजूद दीर्घकालिक दृष्टिकोण बनाए रखें।
  • वैल्यू स्टॉक्स पर नजर: मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश का अवसर तलाशें।
  • अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर ध्यान: ग्लोबल नीतियों पर नजर बनाए रखें और रणनीतिक रूप से कदम उठाएं।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और जोमैटो जैसे प्रमुख स्टॉक्स में भारी गिरावट ने बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया। यह गिरावट ग्लोबल अनिश्चितता का परिणाम है, लेकिन भारतीय बाजार इससे उबरने की क्षमता रखता है। निवेशकों के लिए यह समय धैर्य और सोच-समझकर निर्णय लेने का है।

आने वाले दिनों में बाजार में कैसी हलचल होगी, यह ट्रंप प्रशासन की अगली घोषणाओं और भारतीय कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

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