मोदी सरकार के वक्फ कानून को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। विपक्षी दलों के साथ ही मुस्लिम धर्मगुरु भी इस वक्फ संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं। इसके विरोध में कई जगह से विरोध प्रदर्शन के मामले भी सामने आ चुके हैं। फिलहाल वक्फ कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर दस्तक दे चुका है। उधर सत्ताधारी बीजेपी ने वक्फ कानून को लेकर अपनी कमर कस ली है। बीजेपी वक्फ कानून को लेकर वक्फ सुधार जनजागरण अभियान की शुरुआत करने जा रही है।
उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश मुख्यालय देहरादून में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं को बुलाया गया था. यहां बीजेपी नेता मुस्लिम महिलाओं को नए वक्फ कानून की जानकारियां दे रहे थे और उन्हें वक्फ कानून के फायदे बता रहे थे. लेकिन कार्यशाला स्थल के बाहर मुस्लिम महिलाओं ने कानून पर सवाल खड़े कर दिए.
देहरादून की रहने वाली महिला शकीला आलम से जब पूछा गया कि वो नए वक्फ कानून को किस तरह देखती हैं तो शकीला आलम ने बीजेपी की तो तारीफ की, लेकिन कहा कि वो वक्फ बोर्ड में किए गए संशोधन से खुश नहीं हैं. शकीला आलम का आरोप है कि नए वक्फ कानून में ज्यादा किराया वसूला जाएगा, जिसे वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगी.
हालांकि, जब बीजेपी नेता ने शकीला आलम से पूछा कि उनको ऐसा कौन कह रहा है, तो उन्होंने कहा कि ये सब जानकारी उन्हें वक्फ बोर्ड के सदस्यों ने दी है. मामला बिगड़ता देख भाजपा कार्यकर्ता शहजाद आलम ने मोर्चा संभाला. उन्होंने शकीला आलम को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वो किसी की सुनने को तैयार ही नहीं थीं. आखिर में बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता महिला को खींचकर बाहर ले गए.
बता दें कि, कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी पहुंचे थे. इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की राज्यसभा और लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय में वक्फ जन जागरण अभियान की कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रदेश के जिला संगठनों और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.
इस दौरान वक्फ में संशोधन करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से वक्फ संपत्तियों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. साल 2013 में वक्फ के अधीन 18 लाख एकड़ जमीन थी, जो 2025 में बढ़कर 39 लाख एकड़ हो गई है. वक्फ संशोधन बिल के आने के बाद अब इन संपत्तियों पर कब्जा को छुड़ाया जा रहा है और यह संपत्ति गरीबों के उत्थान के लिए इस्तेमाल की जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी वक्फ की 5700 संपत्तियों ऐसी हैं जो संदेह के घेरे में है, जिनकी राज्य सरकार जांच कराने जा रही है.