गुरुग्राम, 11 जुलाई 2025 –
देश की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे खेल जगत और समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह कोई सड़क हादसा या आत्महत्या नहीं थी – यह एक पिता की वहशत थी, जो अपनी ही बेटी की उड़ान से खफा था।
पिता दीपक यादव ने अपनी 25 वर्षीय बेटी राधिका को गोली मार दी – वह भी उस वक्त जब वह रसोई में खाना बना रही थी।
टेनिस कोर्ट से मौत के खेल तक
राधिका यादव सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं थीं – वह एक प्रेरणा थीं। गुरुग्राम में अपनी खुद की टेनिस अकादमी चलाती थीं और सोशल मीडिया पर युवाओं के बीच एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी थीं। इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स थे, जहाँ वह खेल, फिटनेस और मोटिवेशनल कंटेंट साझा करती थीं।
लेकिन इस सफलता के पीछे उनके घर में एक असहज सन्नाटा पल रहा था।
‘इंस्टाग्राम पर ज़्यादा एक्टिव रहती है’ – पिता की आपत्ति बनी मौत की वजह
पुलिस के अनुसार, दीपक यादव अपनी बेटी की इंस्टाग्राम उपस्थिति और उनकी टेनिस अकादमी के संचालन से नाखुश थे। परिवार में कई बार इसको लेकर बहस हो चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें बेटी का आत्मनिर्भर और लोकप्रिय होना नागवार गुजर रहा था। एक पिता जो अपनी बेटी की उड़ान पर गर्व करता, वो यहां ईर्ष्या और गुस्से का शिकार हो गया।
वह आख़िरी पल…
11 जुलाई की दोपहर, जब राधिका घर के किचन में अपने पिता के लिए खाना बना रही थीं, तभी पीछे से दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली चला दी। पड़ोसियों के अनुसार, गोली की आवाज़ सुनकर जब वे घर पहुंचे तो राधिका खून से लथपथ ज़मीन पर पड़ी थीं और दीपक वहीं बैठा हुआ था।
गिरफ़्तारी और जांच
गुरुग्राम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्या के पीछे कोई और गहरी मानसिक, सामाजिक या संपत्ति से जुड़ी वजह थी।
यह केवल हत्या नहीं, एक मानसिकता की पोल है – जहाँ एक पिता अपनी बेटी की पहचान, आत्मनिर्भरता और उड़ान को बर्दाश्त नहीं कर पाया। राधिका यादव आज नहीं रहीं, लेकिन उनकी मौत हमें यह सोचने को मजबूर कर रही है –
क्या आज़ादी का सपना बेटी के लिए अब भी एक अपराध है?