भारत अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से एक भावुक लेकिन निर्णायक आह्वान किया है – विदेशी को नमस्ते, स्वदेशी को सलाम!
यह केवल एक अपील नहीं, बल्कि एक राष्ट्रनिर्माण का बिगुल है।
मोदी ने कहा है –
“अब जब भी आप शादी करें, खरीदारी करें, त्यौहार मनाएं या कोई भी नई चीज़ घर लाएं – यह ज़रूर देखें कि वह ‘Made in India’ हो। यदि नहीं, तो बिना संकोच उसे कहिए – नमस्ते।”
स्वदेशी: अब फैशन नहीं, भविष्य है
प्रधानमंत्री का नया मंत्र स्पष्ट है –
भारत की पहचान अब लोकल होगी।
दिवाली में जलेंगे देशी दीये, और शादियों में बजेगा लोकल साज।
हर उत्पाद सिर्फ सामान नहीं, अब देशभक्ति का प्रतीक होगा।
‘Wed in India’ – आत्मनिर्भरता की अगली सीढ़ी
मोदी का आह्वान सिर्फ बाज़ार तक सीमित नहीं, उन्होंने विवाह जैसे निजी आयोजनों में भी स्वदेशी भावना को शामिल करने की अपील की है।
Wed in India का नारा सिर्फ शादी भारत में करने तक सीमित नहीं है – इसका आशय है:
- भारतीय परिधान
- देशी गहने और सजावट
- स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को बढ़ावा
- और सबसे बढ़कर, भारत की संस्कृति को अपनाना
लोकल से ग्लोबल तक – अब यही है भारत की राह
यह अभियान केवल एक आत्मनिर्भरता की कोशिश नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के रोज़गार, सम्मान और संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।
MSME से लेकर ग्रामीण कारीगरों तक, हर हाथ को काम और हर हुनर को पहचान तभी मिलेगी जब देश कहेगा – “मुझे चाहिए Made in India!”
यह कोई चुनावी नारा नहीं – यह राष्ट्रीय प्रतिज्ञा है
अब वक्त है कि देश का हर नागरिक संकल्प ले:
“हर थाली, हर थैली, हर शादी और हर दिवाली – अब चलेगा सिर्फ स्वदेशी!”
भारत अब ना केवल खुद के लिए बनेगा, बल्कि विश्व के लिए एक उदाहरण बनेगा।
विदेशी को ‘नमस्ते’ अब केवल शब्द नहीं, आत्मनिर्भर भारत की चेतना है।
हम अब झुकेंगे नहीं, हम खुद बनेंगे – और दुनिया देखेगी।