नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025 — दिल्ली के सत्ता गलियारों में आज एक बार फिर बड़ी हलचल देखी गई।
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की भी पीएम मोदी से अचानक मुलाकात ने कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया है।
अब सवाल यह है —
क्या इन मुलाकातों का सीधा संबंध भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति से है?
🔥 BIG INSIDE SCOOP — BJP अध्यक्ष की घोषणा अब 15 अगस्त के बाद?
पार्टी और संघ के करीबी सूत्रों का कहना है कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा अब स्वतंत्रता दिवस के बाद ही होगी।
इस देरी का मुख्य कारण बताया जा रहा है:
🔄 RSS और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच अभी तक पूर्ण सहमति न बन पाना।
इसी कारण पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में लगातार उच्चस्तरीय राजनीतिक मुलाकातें हो रही हैं:
- योगी आदित्यनाथ की पीएम मोदी, शाह और नड्डा से बैठकें
- मनोज सिन्हा की पीएम से एकांत में चर्चा
- संसद सत्र से पहले भाजपा की कोर टीम की बंद कमरे में रणनीति बैठक
🧩 मनोज सिन्हा की मुलाकात — सिर्फ J&K नहीं, कुछ और भी?
हालांकि मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं, लेकिन वे लंबे समय से पार्टी के भरोसेमंद चेहरे हैं।
- क्या वे भाजपा अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार हैं?
- या फिर जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा राजनीतिक निर्णय लिया जाना है?
इन सवालों के जवाब फिलहाल सार्वजनिक नहीं हुए हैं — लेकिन राजनीतिक संकेत साफ हैं कि मामला सिर्फ प्रशासनिक नहीं है।
🧭 योगी आदित्यनाथ का दिल्ली दौरा — बड़ा संदेश?
- प्रधानमंत्री मोदी से लगभग एक घंटे तक गहन बातचीत
- फिर गृह मंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकातें
विशेषज्ञों का मानना है कि योगी का यह दौरा केवल यूपी के मुद्दों पर आधारित नहीं था, बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय संगठनात्मक ढांचे को संतुलित करने की दिशा में कदम हो सकता है।
🛑 भाजपा अध्यक्ष की घोषणा में देरी क्यों?
- RSS और भाजपा नेतृत्व के बीच संभावित नामों पर मतभेद
- राजनीतिक समीकरणों को साधने की कवायद
- 15 अगस्त के बाद के लिए किसी बड़े राष्ट्रीय ऐलान की तैयारी
🔮 संभावनाएँ क्या हैं?
- मनोज सिन्हा भाजपा के अगले अध्यक्ष के रूप में सामने आ सकते हैं
- योगी आदित्यनाथ को संगठन स्तर पर नई भूमिका मिल सकती है
- जम्मू-कश्मीर में नई राजनीतिक पहल की रूपरेखा तय हो सकती है
- भाजपा की नई कोर टीम की घोषणा
📌 निष्कर्ष: दिल्ली में शांति नहीं, रणनीति चल रही है!
आज की बैठकों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा संगठन में बड़े बदलावों की तैयारी अंतिम चरण में है।
अब निगाहें 15 अगस्त के बाद पर हैं, जब शायद भाजपा अपना नया चेहरा और नई दिशा दुनिया के सामने रखे।