भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) देहरादून शाखा में ‘मानक मंथन’, मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा पर हुआ मंथन

देहरादून, 15 सितंबर 2025 – भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), देहरादून शाखा कार्यालय ने होटल रीजेंटा, सुभाष नगर में “मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा (सार्वत्रिक तकनीकी विनियमन)” विषय पर ‘मानक मंथन’ कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।


कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल की उपस्थिति में हुआ। वे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
विशेष अतिथि के तौर पर उत्तराखंड लघु एवं सूक्ष्म उद्योग संघ (SMAU) के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग और उत्तराखंड उद्योग संघ (IAU) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता उपस्थित रहे।

वहीं, भारी उद्योग मंत्रालय के उप सचिव गौरव जोशी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। साथ ही, सेफ्टी सेंस के विशेषज्ञ समीर कंचन ने भी वर्चुअल रूप से अपनी बात रखी।


BIS का दृष्टिकोण

बीआईएस देहरादून शाखा प्रमुख सौरभ तिवारी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने मशीनरी और विद्युत उपकरण सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में BIS की विभिन्न प्रमाणन योजनाएँ अहम भूमिका निभा रही हैं।

मेयर सौरभ थपलियाल ने भी अपने संबोधन में कहा कि “गुणवत्ता और सुरक्षा एक-दूसरे से अविभाज्य रूप से जुड़े हैं। उद्योगों को चाहिए कि वे सतत विकास के लिए उच्च गुणवत्ता मानकों को अपनाएँ।”


तकनीकी सत्र

तकनीकी सत्र का संचालन विशेषज्ञ समीर कंचन ने किया। उन्होंने मशीनरी सुरक्षा विनियमन के उद्देश्यों और अंतरराष्ट्रीय मानकों की प्रासंगिकता पर विस्तार से जानकारी दी।
इसके अलावा, उन्होंने टाइप A, B और C मानकों की श्रेणियों की भी व्याख्या की।

उन्होंने BIS की OTR (Omnibus Technical Regulation) स्कीम और लाइसेंस/CoC प्राप्त करने की प्रक्रिया को समझाया। साथ ही, HSN कोड आधारित मशीनरी वर्गीकरण पर व्यावहारिक उदाहरण साझा किए।

वहीं, गौरव जोशी ने कहा कि इन नियामकों का उद्देश्य उद्योगों को सरल और प्रभावी तरीके से सुरक्षा मानकों का पालन कराना है।


प्रतिभागियों की सक्रियता

इस अवसर पर उद्योग प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, प्रयोगशालाओं और विद्यार्थियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों ने मौजूदा मशीनरी पर नियमों के अनुपालन और रिपेयर पार्ट्स से जुड़े सवाल पूछे। उनके सवालों का समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।

‘मानक मंथन’ ने हितधारकों को उभरते नियामक ढाँचे और अनुपालन आवश्यकताओं को समझने का अवसर दिया। साथ ही, मशीनरी एवं विद्युत उपकरण सुरक्षा में मानकों की भूमिका पर भी गहन चर्चा हुई।

 

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