उत्तराखंड

शिकायती एप बनाने के निर्देश , सरकारी भूमि पर अतिक्रमण मामले में अगली सुनवाई सात मई को

 हाई कोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेती जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के 13 जिलों के लिए अतिक्रमण शिकायती एप तैयार करने के निर्देश फिर से मुख्य सचिव को दिए हैं, ताकि प्रदेश के जागरूक नागरिक इसमें अपनी शिकायत दर्ज कर सकें।

मामले की अगली सुनवाई को सात मई की तिथि नियत की गई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में दिल्ली निवासी प्रभात गांधी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

मुखर्जी नगर नई दिल्ली निवासी प्रभात गांधी ने पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा था कि नैनीताल के पदमपुरी क्षेत्र में वन विभाग की भूमि व सड़क किनारे अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया गया है। इस वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

कोर्ट ने इस पत्र का संज्ञान लेते हुए उस पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की थी। पूर्व में कोर्ट ने याचिका का दायरा विस्तृत करते हुए पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश सभी जिलाधिकारियों व डीएफओ को देते हुए रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

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