जानकारी के अनुसार वारदात का शिकार एनआरआई तुलसी केसवानी लंबे समय से जयपुर के ऋषि फतेहपुरिया के साथ डायमंड का बिजनेस कर रहा था, लेकिन एनआरआई को ऋषि फतेहपुरिया द्वारा नकली डायमंड भेजने की करतूत का पता चला तो उसने व्यापार बंद कर दिया। बाद में ऋषि फतेहपुरिया ने किए पर माफी मांगते हुए फिर से व्यापार शुरू करने की मंशा जाहिर की। एनआरआई ने उसका विश्वास कर फिर से उसके साथ कारोबार शुरू किया। तुलसी केसवानी की सूरत में भी डायमंड फैक्ट्री है, जिसको उसका मैनेजर पीयूष बालानी संभालता है। आरोप है कि पीयूष ने भी धोखाधड़ी में ऋषि का साथ दिया।
लैब से हुआ खुलासा
डायमंड व्यापारी ऋषि फतेहपुरिया उसे सामान भेज रहा था। शक होने पर एनआरआई ने लैब में जांच करवाई तो डायमंड मापदंडों पर खरे नहीं उतरे। एनआरआई ने इसकी जानकारी एंबेसी को दी तो उसके खिलाफ रामगंज थाने में मामला दर्ज हुआ एनआरआई ने आरोप लगाया है कि पुलिस उसकी मदद करने की बजाय टालमटोल कर रही है।
डायमंड व्यापारी ऋषि फतेहपुरिया उसे सामान भेज रहा था। शक होने पर एनआरआई ने लैब में जांच करवाई तो डायमंड मापदंडों पर खरे नहीं उतरे। एनआरआई ने इसकी जानकारी एंबेसी को दी तो उसके खिलाफ रामगंज थाने में मामला दर्ज हुआ एनआरआई ने आरोप लगाया है कि पुलिस उसकी मदद करने की बजाय टालमटोल कर रही है।