पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समर्थकों ने ‘राठौर नहीं तो भाजपा नहीं’ के हैशटैग के साथ एकजुट होकर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया। देखते ही देखते यह हैशटैग दिनभर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि रात होते-होते खुद राजेंद्र राठौड़ को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा।
उन्होंने अपने समर्थकों के इस विरोध के लिए पार्टी से माफी मांगी और स्थिति को संभालने की कोशिश की। इस घटना ने भाजपा में चल रही गुटबाजी को एक बार फिर उजागर कर दिया है, जहां प्रदेश प्रभारी द्वारा अनुशासनहीनता का आरोप लगाना और राठौड़ समर्थकों द्वारा विरोध करना पार्टी के अंदरूनी विवादों की ओर इशारा करता है।