अब्दुल मलिक भोपाल तो बेटा मोईद हिमाचल तक भागा, हल्द्वानी हिंसा के बाद पुलिस से ऐसे बचे

हल्द्वानी हिंसा के आरोपी पिता और बेटा फरारी के बाद पुलिस को छकाने में एक-दूसरे से दो कदम आगे रहे। आरोपी अब्दुल मलिक ने जहां बचने के लिए भोपाल में पनाह ली, वहीं अब्दुल मोईद ने हिमाचल तक पुलिस को अपने पीछे दौड़ाया।

बेटे ने पुलिस को लगातार इतना चकमा दिया कि खुफिया सूचना को एक से ज्यादा बार पुष्ट करने के बाद पुलिस ने दबिश दी और उसे गिरफ्तार किया। बीती आठ फरवरी को हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हिंसा के बाद पुलिस से बचने के लिए अब्दुल मोईद ने तीन अलग-अलग राज्यों में छिपने के अड्डे बनाए थे।

हल्द्वानी से फरार होने के बाद मोईद ने पहला ठिकाना दिल्ली में बनाया। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में करीब सप्ताह भर अलग-अलग स्थानों पर छिपे रहने के बाद वह पंजाब भाग गया। इसके बाद वह अपने तीसरे अड्डे हिमाचल प्रदेश पहुंच गया।

जब वह दोबारा लौटकर दिल्ली पहुंचा तो मुखबिर तंत्र से सूचना पुलिस तक पहुंच गई। इसके बाद मुखबिर की सूचना की दो बार पुष्टि करने के बाद पुलिस टीम ने दबिश दी और मोईद को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मोईद यहां से भी किसी अन्य जगह भागने की फिराक में था।

बता दें कि 22 फरवरी की देर रात पुलिस ने हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक को भी दिल्ली से ही गिरफ्तार किया था। मलिक भी गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले दिल्ली फिर गुजरात और वहां से मुंबई और चंडीगढ़ में जाकर छिपा था।

दिल्ली में छिपने के मोईद ने बनाए थे दो अड्डे
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर मोईद ने छिपने के लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में दो अड्डे बनाए थे। इन अड्डों में छिपकर वह पुलिस को इतने दिनों से छका रहा था। पुलिस को जब उसके दोनों अड्डों के बारे में जानकारी हुई तो पुलिस ने इन पर लगातार निगरानी शुरू कर दी। फिर मोईद जब हिमाचल से दिल्ली लौटा तो पुलिस ने सटीक सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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