उत्तराखंड

प्राइवेट अस्पताल में फ्री इलाज पर यह प्लान, अनिवार्य होगा आयुष्मान-गोल्डन कार्ड

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड में संचालित सभी निजी अस्पतालों को आयुष्मान और गोल्डन कार्ड को स्वीकार करना होगा। उत्तराखंड सरकार की बड़े अस्पतालों के साथ इसे लेकर वार्ता हो चुकी है, जल्द शासनादेश जारी होगा।

प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को कांग्रेस विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में अभी लगभग 1500 से अधिक अस्पताल आयुष्मान से जुड़े हुए हैं। बड़े अस्पतालों के योजना से नहीं जुड़ने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया।

कहा कि उन्होंने सभी अस्पतालों से कह दिया है कि यदि उन्हें राज्य में अपनी सेवाएं देनी है तो आयुष्मान और गोल्डन कार्ड को स्वीकार करना ही होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि चाहें तो बड़े अस्पताल एक निश्चित अनुपात में अपने यहां आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बेड आरक्षित कर सकते हैं।

इसके लिए सरकार समुचित कानून बना रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की ओर से ओपीडी और दवाइयों के खर्च को कैशलेस किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे देश में ओपीडी खर्च का प्रतिपूर्ति ही किया जाता है।

उपनेता विपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि आयुष्मान में सीएचसी के स्तर से भी रेफर करने की सुविधा दी जाए, ताकि लोगों को अनावश्यक दौड़ धूप न करनी पड़े, स्वास्थ्य मंत्री ने इस व्यवस्था में भी बदलाव करने का आश्वासन दिया।

राज्य में 54 लाख है आयुष्मान कार्डधारक : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की घोषणा के क्रम में यदि सभी निजी अस्पताल योजना के दायरे में आते हैं तो इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में राज्य के कई बड़े अस्पताल अभी योजना से नहीं जुड़े हैं।

इसके बाद उक्त अस्पताल भी आयुष्मान, गोल्डन कार्ड धारकों को इलाज देने के लिए बाध्य होंगे। राज्य में 54 लाख आयुष्मान कार्डधारी हैं। जो लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं।

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