राजस्थान में 13 नवंबर को 7 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए आमने-सामने की तस्वीर अब साफ हो चुकी है। बीजेपी अपनी बगावत को थाम चुकी है लेकिन अब कांग्रेस में सिर फुटव्वल शुरू हो चुकी है। अब टिकट वितरण के बाद का यह गृह क्लेश कांग्रेस को कितना परेशान करेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
विधानसभा के आम चुनावों में कांग्रेस के टिकट बंटवारे और रणनीति को लेकर सियासी गलियारों में जितनी तारीफें की जा रही थीं, वह उपचुनावों नजर नहीं आ रही है। इस्तीफे, भितरघात की धमकी और बगावत के साथ मैदान में मोर्चा तैयार करने वाले बयान पार्टी को परेशान कर रहे हैं। बीजेपी ने जल्दी टिकटों का ऐलान किया और समय रहते बगावत को थाम भी लिया लेकिन कांग्रेस में टिकटों के ऐलान के साथ ही जो सिर फुटव्वल शुरू हुई है, वह ना तो थमती नजर आ रही है और ना ही पार्टी के बड़े नेता इसे कम करने की कोशिशें करते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में बीजेपी जहां एकजुट नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस में बिखराव की स्थिति दिख रही है।
देवली-उनियारा में घमासान
कांग्रेस ने देवली उनियारा से के.सी. मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस टिकट के ऐलान के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. नमोनारायण मीणा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने अपने भाई (टोंक-सवाई माधोपुर सांसद हरीश चंद्र मीणा) पर ही धोखा देने का आरोप लगाया। वीडियो में नमोनारायण मीणा कह रहे हैं- हां, अबकी बार मैंने टिकट मांगा था। मेरे भाई ने ही मेरे साथ धोखा कर दिया। वह MLA था और मेरे को इस बार चांस देता, तो मैं जीत जाता।
दूसरी तरफ यहां से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष नरेश मीणा कांग्रेस के टिकट को लेकर दावेदारी कर रहे थे। टिकट नहीं मिला तो अब नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ यहां धरने पर बैठ गए हैं।
सलूंबर में रघुवीर बिफरे, प्रधान का इस्तीफा
सलूंबर में रेशमा मीणा को टिकट दिए जाने से नाराज कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया। वहीं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने खुलकर बगावती तेवर दिखा दिए और यहां तक बयान दे दिया कि कांग्रेस में कुछ नेता दलाली का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं रघुवीर मीणा के समर्थकों ने तो रेशमा की जमानत जब्त करवाने की धमकी तक दे डाली।
रामगढ़ और झुंझुनू में परिवारवाद को लेकर नाराजगी
वहीं रामगढ़ और झुंझुनू में भी एक ही परिवार को टिकट दिए जाने को लेकर नाराजगी नजर आ रही है। हालांकि यहां अभी तक खुलकर कोई सामने नहीं आया है लेकिन भीतर ही भीतर परिवारवाद की चर्चा जरूर है, जिसे कांग्रेस से निष्कासित नेता राजेंद्र गुढ़ा जमकर हवा दे रहे हैं।