नई दिल्ली – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2025 को अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे कर लिए। इस ऐतिहासिक पड़ाव ने उन्हें वैश्विक मंच पर वर्तमान समय का एकमात्र अजेय राजनेता बना दिया है, जो न केवल घरेलू राजनीति को बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को भी अपनी इच्छाशक्ति और रणनीति से आकार दे रहे हैं।
2014 से 2025: मोदी मैजिक की अपराजेय यात्रा
26 मई 2014 को जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि एक दशक बाद भी उनकी राजनीतिक पकड़ और लोकप्रियता इतनी मज़बूत बनी रहेगी।
2019 के लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में लौटना और 2024 में तीसरी बार नेतृत्व के लिए जनादेश प्राप्त करना इस बात का प्रमाण है कि “मोदी मैजिक” का प्रभाव केवल बना ही नहीं, बल्कि और बढ़ा है।
मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक सुधारों, डिजिटल परिवर्तन और वैश्विक नेतृत्व में कदम बढ़ाए, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना का भी पुनर्जागरण देखा – जिसमें राष्ट्र प्रथम की भावना सर्वोपरि रही।
नरेंद्र मोदी vs नेहरू: सबसे लंबे कार्यकाल की दौड़
यदि नरेंद्र मोदी 2029 का लोकसभा चुनाव जीतते हैं और अपना चौथा कार्यकाल शुरू करते हैं, तो वे भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
वर्तमान में यह रिकॉर्ड भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम है, जिन्होंने 17 वर्ष तक पद संभाला।
2029 तक संभावित कार्यकाल – 15 वर्ष
2034 तक यदि चौथा कार्यकाल पूरा हुआ – 20 वर्ष
यह आंकड़ा भारतीय राजनीति में एक युग का निर्माण कर सकता है – जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेतृत्व का स्थायित्व विकास और स्थिरता का प्रतीक बनता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर मोदी का प्रभाव
व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग या जो बाइडेन – सभी वैश्विक नेताओं की तुलना में नरेंद्र मोदी इस समय सबसे लोकप्रिय, सबसे सक्रिय और सबसे स्वीकार्य नेता बनकर उभरे हैं।
चाहे G20 की मेज़बानी हो या संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका – मोदी के नेतृत्व ने भारत की वैश्विक साख को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
टाइम मैगजीन, फोर्ब्स और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम जैसी संस्थाओं ने मोदी को न केवल ताकतवर नेता माना है, बल्कि “वैश्विक दक्षिण के नेता” की उपाधि भी दी है।
2024 के बाद का भारत: बढ़ता आत्मविश्वास, बढ़ता मोदी युग
2024 के बाद मोदी सरकार का फोकस विकसित भारत 2047, डिजिटल और ग्रीन ट्रांजिशन, और राष्ट्रवाद आधारित नीतियों पर रहा है।
उज्ज्वला, पीएम आवास, जनधन, स्टार्टअप इंडिया, वोकल फॉर लोकल जैसी योजनाएं अब नई ऊंचाइयों पर पहुंचाई जा रही हैं।
जनता की भाषा में कहें तो – “हर दिन मोदी मैजिक और बढ़ रहा है।”
क्या 2029 में इतिहास रचेगा भारत?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यदि मौजूदा लहर और जनसमर्थन जारी रहा तो 2029 में नरेंद्र मोदी न केवल रिकॉर्ड बनाएंगे, बल्कि भारतीय राजनीति का परिदृश्य ही बदल देंगे।
उनकी राजनीतिक शैली, विकास + वैचारिक नेतृत्व का यह मॉडल विपक्ष के लिए एक अबूझ पहेली बन गया है।