छात्रसंघ चुनाव के लिए पहाड़ से मैदान तक बवाल, छात्रों का प्रदेशभर में जमकर प्रदर्शन

छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को कुमाऊं के सबसे अधिक छात्र संख्या वाले एमबीपीजी कॉलेज में छात्र नेताओं ने जमकर बवाल काटा। सुबह से रात तक छात्र नेताओं ने विरोध जताया। उन्होंने छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की।वहीं प्राचार्य को पुलिस की मौजूदगी में सुबह 10 से 1220 बजे तक छात्रों ने कॉलेज परिसर में घेरे रखा। पुलिस ने किसी तरह प्राचार्य को छात्रों के बीच से ले जाकर प्रॉक्टर कक्ष में बैठाया। इस दौरान छात्र नेताओं की प्राचार्य और पुलिस से तकरार हुई। धक्कामुक्की भी हुई।

कई बार नौबत हाथपाई तक पहुंच गई। पुलिस ने छात्रों का जमावड़ा हटाने के लिए डंडे का सहारा भी लिया। छात्रों ने मुख्य गेट के बगल में लोहे का गेट तोड़ने का भी प्रयास किया। छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री, कॉलेज और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्राचार्य कक्ष में ताला जड़ दिया।

कॉलेज के अन्य दफ्तरों में भी तालाबंदी की। इस दौरान छात्र नेता रक्षित सिंह बिष्ट, छात्र नेता आयुष सत्याल, निश्चल, अजय कुमार, यतिन पांडे, मनोज बिष्ट, हर्षित भारती, चंदन मेवाड़ी, ललित मेवाड़ी, उमाशंकर तिवारी सहित अन्य छात्रों ने छात्र हित में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की।देर शाम तक छात्र कॉलेज में धरने पर बैठे रहे। बाद में पुलिस ने इन छात्रों को कॉलेज कैंपस से बाहर किया। इसके बाद छात्रों ने नैनीताल रोड पर भी विरोध जताया। इस पर पुलिस ने छात्रों को समझाया।

सीओ नितिन लोहनी ने दावा किया कि जो छात्र नेता विरोध कर रहे थे, उन्हें समझाकर घर भेजा गया। इधर, प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने बताया कि छात्रों की मांग पर उन्होंने कुमाऊं विवि के कुलपति और उच्च शिक्षा निदेशक से बात की। छात्रों की जो भी मांग है, उस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत भी करा दिया है।

पिथौरागढ़/चम्पावत

छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने पर सरकार और विश्वविद्यालयों के फैसले पर पिथौरागढ़ में शुक्रवार को छात्र सड़क पर उतर आए। वहीं चम्पावत में छात्र नेताओं ने कॉलेज के गेट पर चढ़कर प्रदर्शन किया।

छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन कर जल्द चुनाव कराने की मांग की। एलएसएम कैंपस में छात्रों का क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। छात्रनेता नितिन उप्रेती ने कहा कि 24 अक्तूबर का दिन छात्र-छात्राओं के लिए काला दिवस है। चम्पावत कैंपस के छात्र नेता संजय महर ने कहा कि विवि भ्रमित करने का काम कर रहा है।

अल्मोड़ा/रानीखेत/द्वाराहाट

छात्रसंघ चुनाव की मांग के लेकर शुक्रवार को छात्रों ने एसएसजे परिसर से लेकर चौघानपाटा तक हंगामा काटा। छात्रों के आक्रोश से पांच घंटे विवि प्रशासन व पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। एसएसजे विवि के प्रशासनिक भवन की छत पर चढ़कर विरोध जताया।

इसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री के पुतले की अर्थी निकाली। विवि प्रशासनिक भवन से लेकर माल रोड तक अर्थी के साथ जुलूस निकाला। मालरोड में पुलिस प्रशासन से बमुश्किल छात्रों से पुतले की बनी अर्थी को छुड़ाया। वहीं द्वाराहाट और रानीखेत में भी छात्रों ने जमकर हंगामा किया।

बागेश्वर

बीडी पांडेय कैंपस में शुक्रवार को छात्र नेता चुनाव कराने की मांग को लेकर छत पर चढ़ गए। इस दौरान अन्य छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया। लेकिन इस दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष समेत एक के बाद एक छह छात्र-छात्राएं बेहोश हो गईं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती किया है। जहां उन्हें डिप चढ़ाई गई। करीब एक घंटे के बाद सभी होश में आ गए। जिला अस्तपाल के फीजिशियान डॉ. चंद्रमोहन भैसोड़ा ने बताया कि दो छात्र कमजोरी के चलते बेहोश हुए। अन्य उन्हें देखकर घबराकर बेहोश हो गए। सभी का इलाज चल रहा है।

रुद्रपुर/खटीमा

छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने को लेकर यूएसनगर जिले के छात्र संगठनों में उबाल है। शुक्रवार को सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज, नानकमत्ता, बाजपुर, सितारगंज, काशीपुर राधेहरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में छात्र-छात्राएं हंगामा कर कॉलेज में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। चेतावनी दी कि यदि सरकार ने चुनाव नहीं कराए तो प्रदेशभर में आंदोलन होगा। सचिव पद के दावेदार पल्लव शील भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

एमबीपीजी में अवकाश अब 4 नवंबर को खुलेगा

छात्रों के हंगामे को देखते हुए प्राचार्य ने शुक्रवार को सभी कक्षाओं को स्थगित कर दिया। जो छात्र-छात्राएं कॉलेज पहुंचे भी थे, उन्हें घर वापस भेज दिया। देर शाम प्राचार्य ने कॉलेज में दीपावली एवं अन्य त्योहारों के उपलक्ष्य में 2 नवंबर तक का अवकाश घोषित कर दिया। अब कॉलेज 4 नवंबर को खुलेगा।

एनएसयूआई आगे, एबीवीपी का बैक सपोर्ट

एमबीपीजी कॉलेज में हुए हंगामे में एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के दावेदार रक्षित बिष्ट आगे नजर आए। वह सुबह से रात तक पहले प्रदर्शन, फिर परिसर में रात तक कॉलेज में धरने पर डटे रहे। उनके साथ अन्य छात्र नेता भी डटे रहे। लेकिन एबीवीपी से जुड़े छात्र नेता विरोध में प्रत्यक्ष रूप से आगे नजर नहीं आए। हालांकि वह कॉलेज परिसर में ही मौजूद रहकर विरोध जता रहे छात्र नेताओं को समर्थन करते रहे। बड़ी संख्या में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भी कॉलेज पहुंचे।

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