लालकुआं विधायक का भारी विरोध, गाड़ी के आगे लेटे ग्रामीण; तीन घंटे तक चला हंगामा

हल्द्वानी के चोरगलिया पशु चिकित्सालय के वैक्सीनेटर को हटाए जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार को पचुवाखेड़ा में एक कार्यक्रम में आए विधायक मोहन बिष्ट का घेराव किया। जमकर नारेबाजी के बीच विधायक जब जाने लगे तो ग्रामीण विधायक की गाड़ी के आगे लेट गए। करीब तीन घंटे बाद पुलिस ने किसी तरह विधायक को वाहन के साथ भीड़ के बीच से निकलवाकर लालकुआं रवाना किया।

एक परिवार के लोगों की शिकायत पर वैक्सीनेटर को पिछले दिनों लालकुआं से सम्बद्ध कर यहां से हटा दिया गया था। ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य भी वैक्सीनेटर को दोबारा चोरगलिया लाने की मांग को लेकर विधायक से उनके आवास पर मिल चुके थे, लेकिन विधायक ने वैक्सीनेटर को वापस नहीं बुलाया। रविवार को विधायक दुग्ध संघ के बोनस वितरण कार्यक्रम में पहुंचे। उनके यहां आने के बारे में ग्रामीणों को पहले से जानकारी थी। सैकड़ों की संख्या में नाराज ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली से कार्यक्रम स्थल पहुंच गए। इनमें महिलाएं, ग्राम प्रधान, बीडीसी सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी थे।

अपराह्न 3:25 बजे जैसे ही विधायक कार्यक्रम में पहुंचे, ग्रामीणों ने वैक्सीनेटर को वापस लाने की मांग करना शुरू कर दिया। मगर विधायक ने साफ मना कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने विधायक को कार्यक्रम स्थल से ले जाना चाहा तो ग्रामीण विधायक की गाड़ी के आगे लेट गए। करीब तीन घंटे हंगामा चलता रहा। इस दौरान विधायक ने ग्रामीणों से बात नहीं की। बाद में किसी तरह पुलिस ने लोगों को हटाकर विधायक को वहां से निकलवाया।

यह है मामला
ग्रामीणों का आरोप है कि उनका क्षेत्र पशुपालन वाला है। ग्रामीणों की आय कृषि और पशुपालन आधारित है। उनके यहां एक ही वैक्सीनेटर भुवन चंद्र पंत तैनात थे। वह गाय के इलाज के साथ कृत्रिम गर्भाधान भी कराते रहे हैं। आरोप है कि व्हाट्सएप और फेसबुक पर भुवन पंत ने एक पोस्ट कर दी। इससे नाराज एक परिवार ने विधायक से शिकायत की। इस पर वैक्सीनेटर को यहां से हटाने के लिए लालकुआं सम्बद्ध कर दिया गया। ग्रामीण वैक्सीनेटर को वापस पशु अस्पताल लाने की मांग कर रहे थे।

पुलिस को पहले से था विरोध का अंदेशा
पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का पहले से ही अंदेशा था। इस कारण पहले से ही पचुवाखेड़ा में दुग्ध संघ के बोनस वितरण कार्यक्रम में पुलिस तैनात थी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने विधायक को यह बात पहले ही बता दी थी। इसके बाद भी विधायक वहां आए।

भारी विरोध के बीच बुलानी पड़ी अतिरिक्त फोर्स
विधायक के विरोध में गांव की करीब 200 से अधिक महिलाएं सहित ग्रामीण पहुंचे थे। पुलिस को विरोध का तो अंदाज था, मगर नाराज ग्रामीणों के इतनी बड़ी संख्या में पहुंचने का अंदेशा नहीं था। जब विधायक का भारी विरोध होने लगा तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत थाने से अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी।

ये लोग रहे मौजूद –
विरोध करने वालों में ग्राम प्रधान हेम बजेटा, कमल दुर्गापाल, भुवन पोखरिया, राजू जोशी, नंदन बोरा, नीतेश बुधानी, सुरेश कोहली, भावना बजेठा, राजेंद्र जांगी, दीपक आर्या, इशु बुधानी समेत सैकड़ों पशुपालक शामिल रहे।

दुग्ध संघ के बोनस वितरण कार्यक्रम में गया था। वहां पहले से 25-30 लोग पहुंचे हुए थे। उन्होंने बिना अपनी बात रखे मेरे खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर संचालक ने कार्यक्रम खत्म होने के बाद अपनी बात रखने की गुजारिश भी की। मगर वे नहीं माने। ज्यादा विरोध शुरू किया तो मैं लौट आया।
 – मोहन सिंह बिष्ट, विधायक

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