बेरोजगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्वरोजगार से जोड़ने की योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लक्ष्य से अभी 84 प्रतिशत पीछे है। इस योजना के तहत अभी 16 फीसदी लोगों को ऋण मिल पाया है।
योजना की खराब प्रगति को देखते हुए अब इसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में शामिल करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 83 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो चुका है। यह खुलासा राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की अवस्थापना विकास बैंकर्स स्थायी समिति की बैठक से हुआ है। यह बैठक 21 फरवरी को सचिवालय में हुई थी।
वित्त प्रकोष्ठ ने समिति की बैठक का कार्यवृत्त जारी किया है। इसमें खुलासा हुआ कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो) के तहत 31 दिसंबर 2023 तक 5000 आवेदकों को ऋण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य था, लेकिन इसके सापेक्ष 783 आवेदकों को ऋण वितरित हो पया।
56 आवेदकों को ऋण वितरित किए
बैठक में समिति ने लंबित ऋण आवेदन पत्रों के शीघ्र निपटारे के साथ योजना को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में शामिल करने के लिए उद्योग विभाग को प्रस्ताव देने को कहा है। ऐसा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की अच्छी प्रगति को देखकर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 31 दिसंबर तक 8000 के सापेक्ष 6607 आवेदकों को ऋण बांट जा चुके हैं।
यह लक्ष्य की 83 प्रतिशत है। इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष 62 फीसदी है। 1,273 के सापेक्ष 790 आवेदकों को इस योजना के तहत ऋण वितरित किए जा चुके हैं। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत वाहन के लिए 150 के सापेक्ष 156 लोगों और वाहन के अलावा अन्य मद में 100 के सापेक्ष 56 आवेदकों को ऋण वितरित किए गए हैं।
होम स्टे योजना के तहत 225 के सापेक्ष 134 आवेदकों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण स्वीकृत किए गए हैं। पीएम स्वनिधि योजना का लक्ष्य में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। योजना के तहत 40,005 के सापेक्ष 31,189 लोगों को ऋण उपलब्ध कराए गए है। यह लक्ष्य का 78 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत 750 के